धनबाद : रोजगार सेवक, बीपीओ, कनीय तथा सहायक अभियंता ने विपत्र पास कर दिया. एफटीओ भी जेनरेट हो गया, लेकिन कमीशन नहीं मिलने के बाद मुखिया ने लॉगिन से पूरी योजना ही डिलीट कर दी. लिहाजा चार योजनाओं में काम होने के बाद भी मजदूरी सहित अन्य राशि फंस गयी. परेशान मजदूर मामले को लेबर कोर्ट तक ले जाने की धमकी दे रहे हैं.
गोविंदपुर प्रखंड की आसनबनी पंचायत वन के मधुगोड़ा गांव के ग्रामीणों ने वहां की मुखिया ममता देवी पर गंभीर आरोप लगाये हैं. बताया कि मेढ़बंदी की योजनाएं स्वीकृत हुई थीं. वर्क कोड संख्या 62156, 62170, 62124, 62119, 62104, 62052, 52620, 52510, 62068 में कार्य किया गया. कार्य का भौतिक सत्यापन कनीय अभियंता कुणाल मंडल तथा उसका सत्यापन अरुण कुमार द्वारा मापी पुस्तिका में किया गया.
रोजगार सेवक ने भी पास कर दिया. ग्रामीणों के अनुसार, मुखिया ममता देवी के लॉगिन से पेमेंट की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उनके पति हुबलाल महतो ने 10 फीसदी कमीशन के रूप में 15 हजार रुपये की मांग की. नहीं देने पर डिलीट करने की धमकी दी. उपायुक्त सहित अन्य वरीय प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित शिकायत में ग्रामीणों ने कहा कि कमीशन की राशि नहीं देने पर मुखिया के लॉगिन से योजना को ही डिलीट कर दिया गया.
मुखिया पति प्रति योजना दो हजार रुपये घूस मांग रहे थे. नहीं दिये, तो योजना स्वीकृत नहीं किया. काम होने के बाद भी योजना डिलीट कर दी. दो योजनाओं के लिए एक-एक हजार दिये, तो पास कर दिया.
जानकी प्रसाद साव, लाभुक के पति
सावन माह में मेढ़ बनाने का काम मिला था. कुल 12 दिनों की हाजिरी थी. जॉब कार्ड में भी पूरी प्रक्रिया अंकित है. इसके बाद भी मजदूरी नहीं दी जा रही है. मुखिया पति कहते हैं कि दूसरे पंचायत का मामला है. मजदूरी नहीं मिली तो लेबर कोर्ट जायेंगे. मुकदमा दर्ज करेंगे.
यमुना महतो, मजदूर
मेढ़ निर्माण के अलावा जमीन समतलीकरण का काम किया था. अगर योजना में कुछ गड़बड़ी थी, तो काम नहीं कराना चाहिए था. मजदूरों के साथ इस तरह का अन्याय हो रहा है. वरीय अधिकारियों से शिकायत की गयी है. इंसाफ नहीं मिला, तो कोर्ट जा कर आवेदन देंगे.
संतोष साव, मजदूर
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर मधुगोड़ा में समतलीकरण के लिए योजना संख्या 0261 एवं 0262 क्रमश: 92,361 एवं 88,387 रुपये की ली गयी. दोनों योजनाओं को मंजूरी के लिए स्कूल के कोषाध्यक्ष से राशि की मांग की गयी. यहां छह सौ बच्चे पढ़ते हैं. घूस की राशि किस मद से दें. इसके चलते दोनों ही योजनाएं अधर में लटक गयी हैं.
राजकुमार प्रसाद, प्राचार्य, सरस्वती विद्या मंदिर
पूरा मामला फर्जी है. दूसरी पंचायत के लेबर के नाम से योजना में काम कराया गया. वित्तीय अनियमितता नहीं हो, इसलिए योजना को मुखिया के लॉगिन से एफटीओ बनने के बाद भी योजनाएं डिलीट की गयी. पेमेंट को शून्य किया गया. योजनाएं स्वीकृत करने के लिए राशि मांगने का आरोप गलत है. राजकमल सरस्वती शिशु विद्या मंदिर वाले भी गलत आरोप लगा रहे हैं.
हुबलाल साव, मुखिया ममता देवी के पति
Posted By : Sameer Oraon