रेवती हत्याकांड का खुलासा, प्रेम प्रसंग व भूमि विवाद को लेकर हुई थी हत्या, 3 गिरफ्तार

एसडीपीओ अविनाश कुमार ने कहा कि नाबालिग रेवती कुमारी की हत्या प्रेम प्रसंग व भूमि विवाद को लेकर की गयी है. उन्होंने बताया कि 15 मार्च को नया बस स्टैंड के पीछे मैदान से नाबालिग लड़की का शव बरामद किया गया था.

By Prabhat Khabar News Desk | March 18, 2023 2:06 AM

सदर पुलिस ने चर्चित रेवती कुमारी हत्याकांड मामले का उदभेदन करते हुए तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इनमें बड़की देवरिया गांव निवासी अनमोल पांडेय (पिता जगदेव पांडेय), छोटकी देवरिया गांव निवासी अमित पांडेय (पिता शिवदेव पांडेय) व राजदीप पांडेय (पिता गोपाल पांडेय) शामिल हैं. खुलासा हुआ कि प्रेम प्रसंग व भूमि विवाद के कारण रेवती की हत्या की गयी है. पुलिस ने घटनास्थल सहित अन्य जगहों से कांड में प्रयुक्त खून लगा चाकू, अनमोल पांडेय का वस्त्र, मृतका का खून लगा दुपट्टा, टूटा हुआ मोबाइल का टुकड़ा व कवर, खून लगी मिट्टी के अलावा तीन मोबाइल फोन जब्त किया गया.

यह जानकारी एसडीपीओ अविनाश कुमार ने शुक्रवार को सदर थाना परिसर में प्रेस कान्फ्रेंस कर दी. उन्होंने बताया कि नाबालिग रेवती कुमारी की हत्या प्रेम प्रसंग व भूमि विवाद को लेकर की गयी है. उन्होंने बताया कि 15 मार्च को नया बस स्टैंड के पीछे मैदान से नाबालिग लड़की का शव बरामद किया गया था. इस संबंध में मृतका की मां रुक्मिणी देवी (पति भुवनेश्वर पांडेय) के फर्द बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया था.

इस कांड के उदभेदन को लेकर पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने एसआइटी का गठन किया गया. टीम ने डॉग स्क्वायड, फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट व तकनीकी शाखा के सहयोग से घटना के दो दिनों के अंदर कांड का उभेदन करते हुए मुख्य अभियुक्त अनमोल को गिरफ्तार किया गया. उसकी निशानदेही पर दो अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया.

बताया कि अनमोल रेवती के साथ प्रेम करता था. घटना की रात रेवती अपनी सहेली के शादी समारोह में शामिल होने के लिए गयी थी. अनमोल ने रेवती को फोन कर बुलाया. मिलने के बाद कुछ अनबन होने पर रेवती के चचेरे भाई अमित व राजदीप का सहयोग लेकर उसकी निर्मम हत्या कर दी. चचेरे भाईयों से भूमि विवाद चला आ रहा था.

टीम में ये थे शामिल :

एसआइटी टीम में एसडीपीओ अविनाश कुमार, सदर थाना प्रभारी मनोहर करमाली, पुलिस अवर निरीक्षक बीना कुमारी, निरंजन कुमार के अलावा जिला बल के कई जवान, डॉग स्क्वायड, तकनीकी शाखा व फिंगर प्रिंट एक्पर्ट शामिल थे.

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