छपरा के स्कूल में घुस कर अपराधियों ने शिक्षिका को मारी गोली, एक दिन पहले ही कर ली थी तैयारी
अभी तक घायल महिला का बयान दर्ज नहीं हो सका है. प्राथमिकी भी नहीं हुई है. बयान लेने के बाद कार्रवाई शुरू की जायेगी. वहीं, स्कूल की अन्य शिक्षिकाओं से मिली प्राथमिक जानकारी के बाद पुलिस जांच में जुट गयी है.
छपरा नगरा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय मुरार टोला में घुस कर मंगलवार की दोपहर अपराधियों ने एक शिक्षिका को गोली मार दी, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गयी. घायल शिक्षिका कुमारी नमिता (35 वर्ष) नगरा के ही तुजारपुर निवासी सेवानिवृत्त सैनिक मंजीत कुमार सिंह की पत्नी हैं.
खाली था स्कूल कैंपस
जानकारी के अनुसार मंगलवार को स्कूल के अधिकतर शिक्षकों की ड्यूटी मैट्रिक परीक्षा में होने से शिक्षिका कुमारी नमिता के अलावे अन्य दो शिक्षिकाएं स्कूल आयी थीं. शिक्षकों की कमी होने के कारण दोपहर में मिड-डे मिल खिलाने के बाद बच्चों को घर भेज दिया गया था. वहीं, स्कूल की रसोइया भी घर जाने की तैयारी में थी. इसी बीच बाइक सवार दो अपराधी मुंह बांधे स्कूल में घुसे और कार्यालय में बैठी शिक्षिका नमिता के सीने में गोली मार कर वहां से फरार हो गये.
घटना के वक्त स्कूल में मौजूद थी दो अन्य शिक्षिकाएं
घटना के समय स्कूल की दो अन्य शिक्षिकाएं बगल में अभिभावकों से बात करने गयी थी. गोली लगने के बाद शिक्षिका ने साहस का परिचय देते हुए तुंरत अपने परिजनों को इसकी सूचना दी. इसके बाद शिक्षिकाओं व आसपास के ग्रामीणों ने उन्हें तुरंत सदर अस्पताल ले जाने की तैयारी शुरू कर दी. इसी बीच मौके पर पुलिस भी पहुंच गयी और घायल शिक्षिका को छपरा सदर अस्पताल लाया गया. वहां चिकित्सकों ने स्थिति को गंभीर देखते हुए पटना रेफर कर दिया.
क्या कहती है पुलिस
घटना के संबंध में नगरा ओपी अध्यक्ष शिवनाथ राम ने बताया कि अभी तक घायल महिला का बयान दर्ज नहीं हो सका है. प्राथमिकी भी नहीं हुई है. बयान लेने के बाद कार्रवाई शुरू की जायेगी. वहीं, स्कूल की अन्य शिक्षिकाओं से मिली प्राथमिक जानकारी के बाद पुलिस जांच में जुट गयी है.
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एक दिन पहले अपराधियों ने की थी रेकी
घायल शिक्षिका की भतीजी ज्योति कुमारी ने बताया कि वह एक दिन पहले सोमवार को अपनी बुआ नमिता को स्कूटी से छोड़ने स्कूल आयी थी. उस दिन रास्ते में दो लोगों ने उनका काफी देर तक पीछा किया था. उस दिन भी उन दोनों को पीछा कर रहे लोगों पर शक हुआ था. वहीं, मंगलवार को वह किसी काम में व्यस्त हो जाने से बुआ को छोड़ने नहीं आ सकी. ग्रामीणों ने बताया कि अब तक इस तरह की कोई घटना उनके गांव में पहले नहीं हुई है. इस घटना के बाद ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल है. गनीमत यह रही कि अपराधियों के स्कूल में आने के दौरान कोई बच्चा वहां मौजूद नहीं था. वहीं, अपराधी मुंह ढंक कर आये थे, इसलिए भागने के दौरान ग्रामीण उनका चेहरा नहीं देख सके.