आगरा के बलकेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ा जनसैलाब, लाखों की संख्या में भक्तों ने किया जलाभिषेक
सावन के दूसरे सोमवार पर आगरा के प्रमुख शिवालय बलकेश्वर महादेव में भक्तों का उमड़ सैलाब.अपने आराध्य भगवान शिव को देखने की ललक में लाखों शिव भक्त बलकेश्वर महादेव मंदिर पहुंच रहे हैं.
Agra: आगरा के प्रमुख शिवालय बलकेश्वर महादेव में सावन के दूसरे सोमवार पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. अपने आराध्य भगवान शिव को देखने की ललक में लाखों शिव भक्त बलकेश्वर महादेव मंदिर पहुंच रहे हैं. सावन के दूसरे सोमवार पर बलकेश्वर महादेव मंदिर में भव्य मेले का और पूजन का आयोजन किया जाता है. इस दौरान आगरा की ऐतिहासिक परिक्रमा संपन्न कर लाखों शिवभक्त बलकेश्वर महादेव मंदिर पर आकर जलाभिषेक करते हैं और यहां उनकी परिक्रमा समाप्त होती है.
भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन द्वारा कड़े इंतजाम किए गए हैं. बलकेश्वर महादेव मंदिर में आम दिनों में एक ही द्वार से भक्त प्रवेश करते हैं लेकिन सावन के दूसरे सोमवार पर भारी भीड़ की आशंका को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने मंदिर के दो गेट खोल दिए हैं. एक गेट से एंट्री की जा रही है और दूसरे गेट से भक्तों को बाहर की तरफ भेजा जा रहा है. वहीं मंदिर में भी बैरिकेडिंग की गई है ताकि किसी भी भक्तों को परेशानी का सामना ना करना पड़े.
आगरा के बाबा बलकेश्वर महादेव का इतिहास काफी पुराना है. बताया जाता है कि करीब 500 साल पहले इस क्षेत्र में बेल पत्रों का एक घना जंगल हुआ करता था. एक दिन एक चरागाह अपने जानवरों को जंगल में घुमा रहा था उसी दौरान उसकी नजर जमीन में धंसी हुई एक शिवलिंग पर पड़ी तो उसने मिट्टी और पत्ते हटाकर देखा तो वहां भोलेनाथ की शिवलिंग प्रकट हुई. जिसके बाद चरागाह ने यह जानकारी आसपास के लोगों को दी और लोगों ने भोलेनाथ की शिवलिंग की पूजा अर्चना करना शुरू कर दिया.
बेलपत्र का घना जंगल होने के वजह से बलकेश्वर महादेव को बिल्वकेश्वर महादेव भी कहा जाता है. समय के साथ-साथ यहां लोग बसते चले गए और बलकेश्वर महादेव की महिमा बढ़ती चली गई. आज भी बलकेश्वर महादेव मंदिर पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में भक्तजन अपने आराध्य का पूजन करने आते हैं.
आगरा में लगने वाली ऐतिहासिक परिक्रमा की शुरुआत भी बलकेश्वर महादेव मंदिर से ही होती है. जिसके बाद शिवभक्त ताजगंज होते हुए राजेश्वर मंदिर उसके बाद रावली महादेव, पृथ्वीनाथ महादेव और कैलाश महादेव पहुंचते हैं. कैलाश महादेव के बाद कांटो भरे जंगल में मौजूद बनखंडी महादेव के दर्शन करते हुए श्रद्धालु बलकेश्वर महादेव मंदिर पर पहुंचते हैं. लाखों की संख्या में भक्तजन इस परिक्रमा में शामिल होते हैं जो बलकेश्वर मंदिर से जलाभिषेक कर परिक्रमा की शुरुआत करते हैं. और जब अगले दिन सुबह यह परिक्रमा समाप्त होती है तो बलकेश्वर महादेव मंदिर पर ही पहुंचते हैं.
बलकेश्वर महादेव मंदिर पर सावन के दूसरे सोमवार पर लाखों भक्तजन महादेव के दर्शन करने के लिए आते हैं. इस दौरान वाटर वर्क्स चौराहे से लेकर बलकेश्वर महादेव तक मौजूद रोड पर भव्य मेले का आयोजन भी किया गया है. सैकड़ों की संख्या में यहां खाने-पीने और अन्य तमाम तरह के सामान की स्टाल लगी हुई है करीब 2 से 3 दिन तक यह भव्य मेला चलेगा. बलकेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की भीड़ पहुंच रही है. लाखों की संख्या में भक्त भोलेनाथ के ऊपर जलाभिषेक कर रहे हैं और मंदिर प्रांगण में बजने वाले साउंड पर जमकर झूम रहे हैं.
बलकेश्वर महादेव मंदिर में पुलिस प्रशासन को भी पूर्ण रूप से तैनात किया गया है. जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है ताकि कोई भी भारी वाहन बलकेश्वर मार्ग में ना आ सके. मंदिर के अंदर भी पुलिस को तैनात किया गया है जिससे कि किसी भी तरह की अनहोनी ना हो सके. और कोई भी अराजक तत्व शिव भक्तों को परेशान ना कर सके.