गंगासागर मेले में जाने के लिये आउट्रम घाट पर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरु हो गया है. यहीं से होकर श्रद्धालु गंगासागर यात्रा करने के लिये प्रस्थान करते है.
गंगासागर मेले के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार सभी तरह के कदम उठा रही है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोना काल में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गंगासागर मेला के लिए ई-सेवा शुरू की थी, जो इस बार भी जारी रहेगी.
गंगासागर मेला में देश के अन्य राज्यों के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं, हालांकि, मेला के दौरान कई तीर्थ यात्री यहां नहीं पहुंच पाते हैं और उनकी सुविधा के लिए इस बार भी ई-सेवाएं जारी रहेंगी, जिसके तहत लोगों को ई-स्नान और ई-पूजा की सेवाएं दी जायेंगी.
ई-स्नान के तहत लोग ऑनलाइन के जरिये गंगासागर के पवित्र जल की बुकिंग कर पायेंगे, जबकि ई-पूजा के माध्यम से लोग ऑनलाइन गंगासागर के प्रसाद का ऑर्डर दे सकते हैं.
मेले में लोगों के लिए सागर दर्शन और सागर संग्रहालय की भी सुविधा रहेगी है, जहां गंगासागर से संबंधित विभिन्न तथ्यों को संग्रहित किया गया है, जिसे मेले में आनेवाले श्रद्धालु देख सकेंगे.
गंगासागर मेला में इस बार क्यूआर कोड सिस्टम भी लागू रहेगा. राज्य के पर्यटन सहित अन्य विभागों ने मिल कर एक विशेष क्यूआर कोड तैयार किया है, जिस पर स्कैन करने से गंगासागर मेला के मैप व सड़कों के बारे में जानकारी मिल पायेगी. यह सिस्टम पहली बार गंगासागर मेला में शुरू किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगासागर मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी. गंगासागर मेले के दौरान सुरक्षा के लिए इस बार इसरो की भी मदद ली जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्रियों को ले जाने व वापस लाने के लिए सरकारी 2250 बसों की व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में निजी बस सेवा भी जारी रहेगी.