15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

CWG 2022: ओलिंपिक मेडलिस्ट लवलीना बोरगोहेन की कोच संध्या गुरुंग को मिली खेलगांव में रहने की अनुमति

ओलिंपिक मेडलिस्ट लवलीना बोरगोहेन की निजी कोच संध्या गुरुंग को खेलगांव में रहने की अनुमति मिल गयी है. वे आज से वहां रह सकती है. एक दिन पहले ही लवलीना ने मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था और कहा था कि उनके कोच को बार-बार उनसे दूर किया जा रहा है, जिससे उनका प्रशिक्षण प्रभावित हो रहा है.

बर्मिंघम : स्टार मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन की निजी कोच संध्या गुरुंग को मंगलवार को राष्ट्रमंडल खेलों के लिए एक्रीडिटेशन (मान्यता) मिल गया. ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना ने दावा किया था कि उनके कोच के ‘लगातार उत्पीड़न’ के कारण राष्ट्रमंडल खेलों के लिए उनकी तैयारियां प्रभावित हो रही हैं. संध्या भारतीय टीम की सहायक कोच भी हैं. उन्हें प्रतियोगिता से कुछ ही दिन पहले भारतीय दल में शामिल किया गया. रविवार को यहां पहुंचने पर उन्हें खेल गांव में प्रवेश की स्वीकृति नहीं मिली क्योंकि उनके पास एक्रीडिटेशन नहीं था जिससे विवाद पैदा हो गया.

आईओए ने दी जानकारी

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अधिकारी ने पीटीआई को बताया, संध्या को आज सुबह मुक्केबाजी खेल गांव लाया गया और एक्रीडिटेशन दिया गया. वह अब टीम के साथ हैं. संध्या को खेल गांव में कमरा भी दिया गया है. लवलीना ने सोमवार को सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट डालकर कहा था कि उन्हें लग रहा है कि उनका मानसिक उत्पीड़न हो रहा है क्योंकि उन्हें अपनी कोच को टीम में शामिल कराने के लिए जूझना पड़ रहा है.

Also Read: टोक्यो ओलिंपिक मेडलिस्ट लवलीना बोरगोहेन ने लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप, कह दी बड़ी बात
लवलीना ने मानसिक प्रताड़ना का लगाया था आरोप 

उन्होंने लिखा था, आज मैं बहुत दुख के साथ कह रही हूं कि मुझे (मानसिक तौर पर) लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. ओलंपिक में पदक लाने में मेरी मदद करने वाले कोच को हमेशा बाहर कर दिया जाता है जिससे मेरे प्रशिक्षण कार्यक्रम पर असर पड़ता है. पिछले साल तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली लवलीना ने इन खेलों से पहले खराब मानसिक स्थिति से उबरने का श्रेय संध्या को दिया था. राष्ट्रमंडल खेलों से पहले आयरलैंड में 15 दिवसीय ट्रेनिंग शिविर के दौरान भी संध्या लवलीना के साथ थी.

नियमों को दिया था हवाला

बीएफआई ने बयान में कहा कि नियमों के मुताबिक दल में सहयोगी स्टाफ की संख्या खिलाड़ियों की संख्या का एक तिहाई (33 प्रतिशत) होता है. भारतीय मुक्केबाजी दल में 12 खिलाड़ी (आठ पुरुष और चार महिला) हैं. इसके मुताबिक टीम के साथ चार सहयोगी सदस्य रह सकते हैं. बीएफआई ने कहा, कोच और सहयोगी स्टाफ के संबंध में मुक्केबाजी की आवश्यकता थोड़ी अलग है क्योंकि एक के बाद एक कई मुकाबले हो सकते हैं. बयान के मुताबिक, आईओए की मदद से 12 मुक्केबाजों के दल के लिए सहयोगी स्टाफ की संख्या चार से बढ़कर आठ कर दी गयी.

Also Read: CWG: लवलीना बोरगोहेन और निकहत जरीन ने राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय टीम में बनायी जगह

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें