बर्मिंघम : अचंता शरत कमल ने उम्र को धता बताते हुए राष्ट्रमंडल खेलों की टेबल टेनिस पुरुष एकल स्पर्धा के फाइनल में सोमवार को यहां इंग्लैंड के लियाम पिचफोर्ड को 4-1 से हराकर इन खेलों में स्वर्ण पदक की हैट्रिक लगायी. इस स्पर्धा का कांस्य साथियान ज्ञानशेखर ने जीता. शानदार लय में चल रहे 40 साल के शरत ने रैंकिंग में अपने से बेहतर खिलाड़ी के खिलाफ पहला गेम गंवाने के बाद वापसी करते हुए 11-13, 11-7, 11-2, 11-6, 11-8 से जीत दर्ज की. शरत की विश्व रैंकिंग 39वीं है जबकि 29 साल के पिचफोर्ड 20वें स्थान पर काबिज हैं.
शरत का इन खेलों में यह कुल 13वां पदक है. उन्होंने बर्मिंघम खेलों में चार पदक जीते. जिसमें इस स्वर्ण से पहले टीम स्पर्धा, मिश्रित युगल में श्रीजा अकुला के साथ स्वर्ण और पुरुष युगल में रजत पदक शामिल है. उन्होंने 2006 में मेलबर्न खेलों में पदार्पण करते हुए स्वर्ण पदक जीता था. फाइनल मुकाबले के शुरुआती गेम के बाद शरत के बेजोड़ बैकहैंड का पिचफोर्ड के पास कोई जवाब नहीं था. पिचफोर्ड ने भारतीय खिलाड़ी को पछाड़ने के लिए लंबी रैलियों का सहारा लिया लेकिन अनुभवी शरत ने उसका माकूल जवाब दिया. पांचवें गेम में शरत ने 6-1 की बढ़त बना ली थी लेकिन पिचफोर्ड ने वापसी करते हुए स्कोर 6-5 कर दिया.
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शरत ने दबाव से उबरते हुए अपनी बढ़त को 10-6 और फिर 11-8 के स्कोर के साथ गेम और मुकाबला जीत लिया. इससे पहले साथियान ने इंग्लैंड के ही पॉल ड्रिंकहाल को हराकर पुरुष एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता. एकल रैंकिंग में 35वें स्थान पर काबिज साथियान ने शुरुआती तीन गेम जीतकर शानदार शुरुआत की लेकिन रैंकिंग में 74वें स्थान वाले खिलाड़ी ड्रिकहॉल ने शानदार वापसी करते हुए मुकाबला 3-3 से बराबर कर लिया. निर्णायक सातवां गेम भी बेहद करीबी रहा.
साथियान ने दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में खेले गये इस रोमांचक मुकाबले को 11-9, 11-3, 11-5, 8-11, 9-11, 10-12, 11-9 से अपने नाम किया. पिछले दो राष्ट्रमंडल खेलों में साथियान का यह छठा पदक है. मौजूदा खेलों में यह उनका दूसरा पदक है. उन्होंने शरत कमल के साथ पुरुष युगल का रजत पदक जीता था. शरत और साथियान ने इसके साथ ही पुरुष युगल के फाइनल में पिचफोर्ड और ड्रिंकहॉल से मिली हार का भी बदला ले लिया.
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