West Bengal : अब विधाननगर के हर थाने में साइबर सेल, करेगा साइबर अपराधों का निपटारा

विधाननगर में अब स्थानीय थानों में भी दर्ज होगी साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायतें. स्थानीय थाना साइबर अपराध की घटना में एफआइआर दर्ज कर जांच करेगी. बड़े जटिल मामलों में साइबर थाने की मदद ली जायेगी.

By Shinki Singh | January 11, 2024 7:04 PM

कोलकाता, मनोरंजन सिंह : पश्चिम बंगाल के विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट (Bidhannagar Police Commissionerate) अंतर्गत साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतें अब स्थानीय थाने में भी दर्ज होगी. शिकायत मिलने पर सबसे पहले स्थानीय थाने की पुलिस जांच करेगी. विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से प्रत्येक थानों को ऐसा ही निर्देश दिया गया है. इसके लिए प्रत्येक थाने में चयनित अधिकारियों को सूचना प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. हर थाने में साइबर सेल बनाये गये हैं. मालूम रहे कि कोलकाता पुलिस में पहले से ही हर थाने में साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज करने की एक प्रणाली है. साथ कोलकाता पुलिस के प्रत्येक डिवीजन में एक अलग साइबर सेल भी है. अपराध की गंभीरता को देखते हुए मामलों को स्थानीय थाने या डिवीजन के साथ-साथ खुफिया विभाग की साइबर शाखा को भेज दिया जाता है.

बढ़ते साइबर अपराध से बढ़ता दबाव

विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि हर दिन नये-नये तरीकों से साइबर अपराध हो रहे हैं. सभी थाने क्षेत्रों में ही लोग इसके शिकार हो रहे हैं. इससे मामलों का दबाव भी बढ़ता जा रहा है. इसलिए साइबर अपराध की जांच केवल कमिश्नरेट के एक साइबर थाने पर निर्भर रहने की बजाय सभी थानों को निर्देश दिया गया है. स्थानीय थाना साइबर अपराध की घटना में एफआइआर दर्ज कर जांच करेगी. बड़े जटिल मामलों में साइबर थाने की मदद ली जायेगी.

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इस कदर होती थी लोगों को परेशानी

विधाननगर में साइबर थाना सॉल्टलेक में है. राजारहाट-न्यू टाउन कहीं भी साइबर धोखाधड़ी होने पर पीड़ित को सॉल्टलेक आकर साइबर थाने में मामला दर्ज करना पड़ता था. कई मामलों में ठगी के शिकार लोग बिना कुछ जाने-समझे इधर से उधर भटकते रहते थे. अब स्थानीय थाने की पुलिस ही उनकी मदद करेगी. साइबर अपराध के मामलों को आम तौर पर पहले अन्य थाने पीड़ित को साइबर थाने ही भेज देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. स्थानीय थाने द्वारा जांच की की जायेगी.

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साइबर सेल में होंगे ऐसे अधिकारी

विधाननगर में साइबर अपराध के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए थाने स्तर पर कई परियोजनाएं शुरू की गयी हैं. पुलिस अब नागरिकों को और अधिक से अधिक जागरूक करना चाहती है. साथ ही अधिक से अधिक पुलिस अधिकारियों को भी साइबर अपराध के मामलों के निपटारा करने के लिए प्रशिक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. प्रत्येक थाने में एक अलग साइबर सेल बनाया गया है. साइबर सेल में ऐसे अधिकारी होंगे, जो सूचना प्रौद्योगिकी के प्रति उत्साही हैं और गणित या विज्ञान के छात्र रहे होंगे. थाने की साइबर सेल ही साइबर क्राइम की शिकायतों की जांच करेगी. इससे साइबर थाने पर दबाव नहीं बढ़ेगा.

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हर थाने को इन बातों का रखना होगा ध्यान

विधाननगर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अवैध कॉल सेंटरों के कई मामलों में सरगनाओं को पकड़ने के लिए विदेशी जांच एजेंसियों की भी मदद लेनी पड़ी है. जालसाज यहां से विदेशी नागरिकों को ठग रहे थे. इस तरह के मामलों में 800 लोगों को गिरफ्तार किया गया. साइबर अपराध का स्वरूप हर दिन बदल रहा है. थानों को विशेष रूप से सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है. हर थाने को इस बात पर नजर रखने होंगे कि क्या उनके इलाकों में नये कॉल सेंटर खुले हैं या नहीं, वे कॉल सेंटर क्या कर रहे हैं, इलाके में साइबर कैफे कैसे चल रहे हैं, उन्हें कौन चला रहा है, इन सब पर नजरदारी रखनी होगी.

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