Jharkhand Cyber Crime News, Minority Scholarship Scam in Jharkhand, Ramgarh News, मांडू (रामगढ़) : झारखंड के साइबर क्रिमिनलों की नजर अब राज्य के स्कॉलरशिप पर भी पड़ने लगी है. रामगढ़ जिला अंतर्गत मांडू प्रखंड के 3 स्कूलों में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना (Minority Scholarship Scheme) के तहत स्कॉलरशिप की राशि में गड़बड़झाला करने का मामला सामने आया है. इस फर्जीवाड़े में साइबर क्रिमिनल की संलिप्तता पर भी जांच की जा रही है. स्कॉलरशिप के नाम पर 30 लाख 60 हजार रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है. इसमें सेंट पीटर स्कूल घाटो, मिलेनियम पब्लिक स्कूल करमा और नवचेतन पब्लिक स्कूल सांडी शामिल है. यह खुलासा जांच के क्रम में हुआ है. बीडीओ, बीईईओ और प्रखंड कल्याण पदाधिकारी अलग- अलग जांच कर रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, संत पीटर स्कूल घाटो में 145 विद्यार्थी, मिलेनियम पब्लिक स्कूल करमा में 3 और नवचेतन पब्लिक स्कूल सांडी में कुल 158 विद्यार्थियों के नाम पर स्कॉलरशिप की राशि का हेरफेर का मामला सामने आया है. दिलचस्प बात है कि इन तीनों स्कूलों से शैक्षणिक सत्र 2019- 20 में ऑनलाइन स्टूडेंट्स को नामांकित दिखाकर उपरोक्त राशि की निकासी कर ली गयी है, जबकि उक्त स्टूडेंट्स का स्कूल में नामांकन है ही नहीं.
मामले का उजागर तब हुआ जब रामगढ़ डीडीसी के आदेश पर मांडू बीडीओ विनय कुमार, बीईईओ जोहानी टोप्पो एवं प्रखंड कल्याण पदाधिकारी कृपाल कच्छप ने अलग- अलग छात्रवृत्ति से संबंधित प्रखंड के कई स्कूलों में जांच करने के लिए पहुंचे.
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छात्रवृत्ति से लाभान्वित हो रहेे स्कूलों को जब तीनों अधिकारियों ने बारी- बारी से जांच शुरू किया, तो कई मामलों का उजागर हुआ. इस संबंध में बीईईओ जोहानी टोप्पो ने बताया कि जांच के क्रम में हाई स्कूल, चुंबा में शैक्षणिक सत्र 2020- 21 में 181 और मिलेनियम स्कूल, करमा में 102 स्टूडेंट्स का ऑनलाइन लिस्ट तैयार किया गया था. उन्होंने कहा कि अगर समय पर जांच नहीं होती, तो यहां भी राशि गबन कर ली जाती. उन्होंने बताया कि प्रखंड में ऐसे कई स्कूल हैं, जहां के प्रधानाध्यापक को यह भी मालूम नहीं है कि हमारे स्कूल के बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ मिल रहा है कि नहीं.
बीईईओ जोहानी टोप्पो ने बताया कि मांडू में छात्रवृत्ति राशि घोटाला एक साइबर क्राइम है. स्कूल के बाहर लगे बोर्ड में यू- डाइस अंकित होता है. साइबर क्राइम करने वाले क्रिमिनल इसी यू- डाइस का सहारा लेकर पोर्टल में जाकर स्टूडेंट्स का आनलाइन रजिस्टेशन कर लेते हैं. बाद में उपरोक्त राशि आवंटित होने पर साइबर क्रिमिनल इसे निकाल लेते हैं.
बताया जाता है कि कल्याण विभाग द्वारा अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति का लाभ देने के लिए हर साल 10 हजार की राशि केंद्र सरकार मुहैया कराती है. इसके लिए सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले क्लास 5 से 10वीं के स्टूडेंट्स को इस योजना का लाभ मिलता है. अब साइबर क्रिमिनल इन स्टूडेंट्स के पैसे भी उड़ाने लगे हैं.
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मामले को लेकर प्रखंड कल्याण पदाधिकारी कृपाल कच्छप ने बताया कि छात्रवृत्ति को लेकर स्कूलों में जांच की जा रही है. इनमें कई स्कूलों में गड़बड़ी भी उजागर हुआ है. ऐसे में शैक्षणिक सत्र 2020- 21 में छात्रों को मिलने वाले छात्रवृत्ति लाभ के लिए दिये गये आवेदन की जांच होगी. गलत स्टूडेंट्स का आवेदन रद्द किया जायेगा.
इस संबंध में बीडीओ विनय कुमार ने बताया कि डीसी के निर्देश पर छात्रवृत्ति से संबंधित विभिन्न स्कूलों में जांच किया है. इस दौरान कई स्कूलों में गड़बड़ियां पायी गयी है. साथ ही कई स्कूल आस्तित्व में भी नहीं है. जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीसी को रिपोर्ट सौंपा जायेगा.
Posted By : Samir Ranjan.