17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Cyber Fraud एक बड़ी समस्या, निबटने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत, पढ़ें यह रिपोर्ट

Cyber Fraud: यदि आपसे पूछा जाए कि धोखाधड़ी का शिकार बनने की सबसे अधिक संभावना किसकी है, तो आपका उत्तर क्या होगा? यदि आप अधिकांश लोगों की तरह सोचते हैं, तो आप संभवतः वृद्धों के बारे में सोचते होंगे.

क्या आप या आपका कोई परिचित धोखाधड़ी का शिकार हुआ है? यदि हां, तो यह असामान्य नहीं है. यूके के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) ने यूके में 2020 की तुलना में 2021 में धोखाधड़ी अपराधों की संख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. व्यक्तियों के विरुद्ध होने वाले सभी अपराधों में से 40 प्रतिशत से अधिक धोखाधड़ी ब्रिटेन में सबसे आम अपराध है. यदि ये आँकड़े पर्याप्त चिंताजनक नहीं हैं, तो कुछ सबूत हैं कि एआई घोटालों का पता लगाना कठिन बना रहा है. लोग अक्सर धोखाधड़ी के शिकार लोगों पर मूर्ख होने या किसी घोटाले में फंसने के लिए पर्याप्त भरोसा करने का आरोप लगाते हैं. लेकिन अब यह स्वीकार करने का समय आ गया है कि यह किसी के साथ भी हो सकता है. यह इतनी बड़ी समस्या है कि हमें धोखाधड़ी की अपनी इस अवधारणा को संशोधित करने की आवश्यकता है कि यह केवल भोले-भाले या कमजोर लोगों के साथ होती है. मानव मस्तिष्क सभी नई प्रौद्योगिकी-सक्षम प्रकार की धोखाधड़ी का सामना नहीं कर सकता. इसलिए हमें एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो वित्तीय संस्थानों और व्यवसायों को धोखाधड़ी की पहचान करने या उसे सुविधाजनक बनाने वाले कारकों पर नजर रखे और संदिग्ध लेनदेन का पता लगाने के लिए एआई का उपयोग करे. उपभोक्ताओं से यह अपेक्षा करना उचित नहीं है कि उन्हें इस बात की जानकारी हो कि उनके साथ कब धोखाधड़ी हुई है, वह भी ऐसे में जब बैंक और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ऐसा नहीं कर सकते.

धोखाधड़ी का शिकार कौन हो सकता है

यदि आपसे पूछा जाए कि धोखाधड़ी का शिकार बनने की सबसे अधिक संभावना किसकी है, तो आपका उत्तर क्या होगा? यदि आप अधिकांश लोगों की तरह सोचते हैं, तो आप संभवतः वृद्धों के बारे में सोचते होंगे. निवेश बैंकरों, आईटी विशेषज्ञों या युवाओ के धोखाधड़ी का शिकार बनने की बात आपके दिमाग में शायद नहीं आई होगी. धोखाधड़ी के प्रति संवेदनशील कौन है, इसके बारे में यह गलत धारणा धोखाधड़ी के विषय से जुड़ी मुख्य समस्याओं में से एक है. उदाहरण के लिए, यूके में पहचान संबंधी धोखाधड़ी की जांच करने वाली क्रेडिट रिपोर्टिंग कंपनी एक्सपीरियन के 2010 के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि दो आयु समूह, 25-34 और 35-44, धोखाधड़ी के 54 प्रतिशत पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि 65 से अधिक आयु वाले केवल 4 प्रतिशत पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

Also Read: Aadhaar Tips: ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए ऐसे लॉक करें आधार बायोमेट्रिक
क्रिप्टो-मुद्रा धोखे के शिकार युवा

क्रिप्टो-मुद्रा धोखे के शिकार युवा, सुशिक्षित, पेशेवर और जोखिम भरे पोर्टफोलियो वाले व्यापारी होते हैं. धोखाधड़ी से ग्रस्त क्रिप्टो-मुद्रा एक्सचेंज एफटीएक्स और धोखाधड़ी चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनी थेरानोस मामलों में मुख्य निवेशकों (और पीड़ितों) की सूची को पढ़ना यह समझने के लिए पर्याप्त है कि सबसे समझदार निवेशक और मशहूर हस्तियां भी शिकार बन सकते हैं. उनके समर्थकों में मीडिया मुगल, राजनेता और हेज फंड मैनेजर शामिल थे. यूके फाइनेंस की 2023 की रिपोर्ट बताती है कि 18 से 24 साल के बच्चों को धोखेबाजों द्वारा तेजी से निशाना बनाया जा रहा है, और 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों की तुलना में उनके प्रतिरूपण घोटाले का शिकार होने की संभावना कहीं अधिक है. साथ ही, 13 से 17 साल के बच्चों के गेमिंग के जरिए धोखाधड़ी का शिकार होने की दर में भी तेज वृद्धि देखी गई है.

शैक्षिक और चिकित्सीय कार्यक्रम विकसित करना

दुनिया भर के कई स्कूलों ने ऑनलाइन सुरक्षा कार्यक्रम शुरू किए हैं. हालाँकि, वर्तमान में उपलब्ध कार्यक्रमों में धोखाधड़ी से खुद को बचाने के बारे में बहुत कम जानकारी दी गई है. उदाहरण के लिए, बच्चों की चैरिटी एनएसपीसीसी के पास बच्चों को ऑनलाइन दुर्व्यवहार से बचाने, सोशल मीडिया का उपयोग करते समय सुरक्षित रहने और कानूनी लेकिन हानिकारक सामग्री से बचाने के लिए कार्यक्रम हैं – लेकिन ऑनलाइन घोटालों के लिए नहीं. धोखाधड़ी की रोकथाम को स्कूलों और विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए. वृद्धों के लिए, चैरिटी संस्थाएं एएआरपी और ऐजयूके मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान करती हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे कितने प्रभावी या व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं. धोखाधड़ी रोकथाम कार्यक्रमों, प्रशिक्षण और सूचनाओं की शायद ही कभी जांच की गई है और हमारे पास उनकी प्रभावशीलता पर डेटा की कमी है. हमें प्रत्येक आयु वर्ग के लिए कार्यक्रम विकसित करने और उनकी प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है.

निवारण में सुधार

अपराध विज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक निवारण सिद्धांत है, जो कहता है कि अपराध में कमी सजा की गंभीरता से संबंधित है और इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात, पकड़े जाने की संभावना से है. शोध से पता चलता है कि पकड़े जाने की संभावना बढ़ाना सज़ा बढ़ाने से कहीं अधिक प्रभावी है. हालाँकि, धोखेबाज़ों को चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है. यूके सरकार की स्वीकारोक्ति के अनुसार, सभी अपराधों में से 40 प्रतिशत से अधिक धोखाधड़ी से जुड़े होते हैं, फिर भी उसे पुलिस संसाधनों का एक प्रतिशत से भी कम प्राप्त होता है.

Also Read: Bizarre! लड़की ने बॉस से ऐसे लिया बदला! जॉब छोड़ते ही बदल डाले सबके ई-मेल पासवर्ड, Instagram पर बतायी पूरी बात
व्यवसायों को उपभोक्ताओं की बेहतर सुरक्षा करनी चाहिए

कोविड महामारी के दौरान, मीडिया आउटलेट्स ने बताया कि गूगल ने हर दिन एक करोड़ 80 लाख कोरोनोवायरस घोटाले वाले ईमेल को ब्लॉक किया. इन प्रयासों के बावजूद, उपभोक्ता अधिकारों को लागू करने वाली अमेरिकी एजेंसी फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, तकनीकी कंपनियां और विशेष रूप से सोशल नेटवर्क साइटें घोटालेबाजों के लिए प्रजनन स्थल हैं. दरअसल, एफटीसी ने बताया कि धोखाधड़ी में पैसा गंवाने वाले एक चौथाई लोगों ने कहा कि यह प्रक्रिया सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर शुरू हुई थी. सोशल मीडिया साइटों की प्रकृति धोखेबाजों को नकली व्यक्तित्वों के पीछे छिपने और एक वैध व्यवसाय होने का दिखावा करने की क्षमता प्रदान करती है. वे धोखेबाजों को एक बटन दबाकर लाखों लोगों तक पहुंचने की अनुमति भी देते हैं – विशेष रूप से युवा वयस्क जो सोशल नेटवर्किंग साइटों के अधिक भारी और विपुल उपयोगकर्ता होते हैं. एफटीसी ने मेटा, टिकटॉक और यूट्यूब सहित कई सोशल मीडिया को आदेश जारी किए हैं – जिसमें यह जानकारी मांगी गई है कि ये कंपनियां दुर्भावनापूर्ण और नापाक विज्ञापनों और घोटालों की जांच कैसे करती हैं.

नई नीतियां पेश करें

कैलिफोर्निया के विधायक एक ऐसे विधेयक पर विचार कर रहे हैं, जो वृद्धों को धोखाधड़ी के खिलाफ अधिक सुरक्षा प्रदान करता है, जिसमें टैलर द्वारा धोखाधड़ी वाले लेनदेन की सुविधा देने पर बैंकों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. यूके में, पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने मई 2023 में संसद में एक धोखाधड़ी रणनीति प्रस्तुत की, जिसमें वित्तीय उत्पादों से संबंधित सभी फोन कॉल पर प्रतिबंध लगाने जैसे कई उपायों का प्रस्ताव है. हम इन दोनों विधेयकों को सही दिशा में उठाए गए कदम के रूप में देखते हैं, लेकिन इस पर और अधिक काम करने की जरूरत है, और तत्काल भी. नीति निर्माताओं को अनुसंधान और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को धन आवंटित करना चाहिए, ऐसे कानून लागू करने चाहिए जो लोगों को अधिक सुरक्षा प्रदान करें और इंटरपोल जैसे अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन निकायों के साथ सहयोग करें. धोखाधड़ी समाज को सभी स्तरों पर प्रभावित करती है: व्यक्ति, संगठन और सरकारें. चाहे-अनचाहे हम सब इसमें एक साथ हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें