जामताड़ा : साइबर पुलिस ने करमाटांड़ व नारायणपुर थाना क्षेत्र में की छापेमारी, आठ साइबर ठग गिरफ्तार
एसपी ने बताया कि छापेमारी टीम में शामिल सभी पुलिस पदाधिकारियों को रिवार्ड दिया जायेगा. कहा इन सभी की अपराध शैली पूर्व के साइबर ठग की अपराध शैली से मिलती-जुलती है.
जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस ने करमाटांड़ थाना क्षेत्र के हेठ भीठरा, रिंगोचिंगो व नारायणपुर थाना क्षेत्र के पतरोडीह गांव में छापेमारी कर 8 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में एसपी अनिमेष नैथानी ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस की. बताया कि साइबर डीएसपी मजरूल होदा, प्रशिक्षु डीएसपी चंद्र शेखर, साइबर थाना प्रभारी मनोज कुमार के नेतृत्व में टीम गठन कर छापेमारी की गयी. इसी क्रम में करमाटांड़ थाना क्षेत्र के हेठ भीठरा गांव के बसीर अंसारी, नसीर अंसारी, ऊपर भीठरा गांव के इरशाद असारी, कांशीटांड़ गांव के नितेश कुमार सेन, रिंगोचिंगों गांव के शमशेर असारी, सलाउद्दीन अंसारी, नारायणपुर के पतरोडीह निवासी खुर्शीद अंसारी व मेहबूब अंसारी को गिरफ्तार किया गया. इन सभी के विरुद्ध जामताड़ा थाना कांड संख्या 68- 2023 दर्ज किया गया है. धारा 414, 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि एवं 66 बी सी डी आईटी एक्ट के तहत सभी को जेल भेज दिया गया है. इन सभी के पास से 43 मोबाइल (14 आईफोन), 53 सिम, पांच एटीएम, एक चेकबुक व दो पॉस मशीन जब्त किया गया है. बता दें कि छापेमारी के क्रम में पतरोडीह के मेहबूब अंसारी अपने घर के छत से कूद कर भागने के फिराक में था. इसी क्रम में मेहबूब अंसारी का दोनों पैर फ्रैक्चर हो गया.
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एटीएम कार्ड में पैसा आने के बाद पॉस मशीन से दूसरे अकाउंट में भेजा जाता था पैसा : एसपी
एसपी ने बताया कि छापेमारी टीम में शामिल सभी पुलिस पदाधिकारियों को रिवार्ड दिया जायेगा. कहा इन सभी की अपराध शैली पूर्व के साइबर ठग की अपराध शैली से मिलती-जुलती है. पॉस मशीन का इस्तेमाल एटीएम कार्ड में पैसा आने के बाद पॉस मशीन के माध्यम से दूसरे अकाउंट में पैसा भेजा जाता था. पॉस मशीन किस व्यक्ति के नाम पर बैंक में रजिस्टर्ड है. इसकी भी जांच की जा रही है और संबंधित बैंक से डिटेल भी निकाला जा रहा है. वहीं गूगल में विभिन्न कुरियर सर्विस के कस्टमर केयर नंबर के रूप में अपना फर्जी मोबाइल नंबर डालकर उपभोक्ताओं का कॉल प्राप्त कर उनकी आनी वाली समस्याओं का निपटारा करने के नाम पर उनके मोबाइल पर क्विक सपोर्ट, एनी डेस्क, टीम विउर, रस्क डस्क जैसे मोबाइल शेयरिंग एप डाउनलोड करवाकर उनके बैंक की सारी गोपनीय जानकारी प्राप्त कर साइबर करता है. एटीएम क्रेडिट कार्ड बंद होने, आधार कार्ड को लिंक करने के नाम पर लोगों को कॉल करके उनसे बैंक संबंधी विवरण, एटीएम से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त करता था. क्विक सपोर्ट, एनी डेस्क जैसे मोबाइल शेयरिंग एुप डाउनलोड करवाकर स्क्रीन शेयर कर ओटीपी प्राप्त कर साइबर ठगी करता था. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बंद होने या अपडेट करने को लेकर लोगों को कॉल कर उसके क्रेडिट कार्ड का नंबर एवं गुप्त कोड प्राप्त कर साइबर ठगी को अंजाम देता है. मौके पर साइबर डीएसपी मजरूल होदा, प्रशिक्षु डीएसपी चंद्र शेखर, साइबर थाना प्रभारी मनोज कुमार, एसआई नागेश्वर साव, प्रणय सत्यम, ममता बास्की आदि मौजूद थे.
साइबर फैसिलिटी सेंटर में दूसरे राज्यों की पुलिस को मिलेगा सहयोग
एसपी ने कहा कि साइबर थाने में पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस पदाधिकारी, पुलिस बल मिला है, जो साइबर डीएसपी के नेतृत्व में काम करेगा. जिला स्तर से भी साइबर थाना को महिला पुलिस पदाधिकारी व बल दिया गया है. कहा साइबर फैसिलिटी सेंटर जिला में खोला गया है, जाे अन्य राज्यों की पुलिस यदि जामताड़ा साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए आती हैं तो गिरफ्तारी में जामताड़ा पुलिस सहयोग करती है.
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