गिरिडीह : साइबर अपराध में गांडेय प्रखंड के मरगोडीह से जिन 11 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उन्होंने कई राज पुलिस के सामने उगले हैं. ये लाेग डिजिटल ट्रांजेक्शन के जरिये पांच करोड़ से भी ज्यादा की अवैध निकासी सैकड़ों लोगों के खाते से अब तक कर चुके हैं. पुलिस को सूचना मिली थी कि गांडेय के इलाके में साइबर अपराधी काफी दिनों से सक्रिय हैं. पुलिस ने जाल बिछाकर बुधवार को 11 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया और साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सभी को शुक्रवार को जेल भेज दिया है.
इस गिरोह के मास्टरमाइंड गोविंद मंडल व एक अन्य की तलाश में पुलिस जुटी हुई है. यह जानकारी गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने दी. बताया कि पुलिस ने गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 26 मोबाइल, 33 सिमकार्ड, 19 एटीएम कार्ड व सात बैंक पासबुक बरामद किया गया है.
ऐसे हुई गिरफ्तारी : एसपी श्री झा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. इसका लाभ उठाते हुए साइबर अपराधियों ने कई लोगों के खाते से रुपये धोखाधड़ी कर उड़ा लिये हैं. सूचना मिली थी कि गांडेय थाना के मरगोडीह स्थित जोकटियाबाद मैदान में कुछ साइबर अपराधी जमा हैं और खाताधारियों को फोन कर उन्हें फांसने की कोशिश में लगे हुए हैं. इस सूचना के आधार पर साइबर डीएसपी सुमन समदर्शी के नेतृत्व में टीम बनायी गयी.
टीम ने जाल बिछाया और लगभग 11 साइबर अपराधी पकड़ लिये गये. जब उक्त स्थल पर पुलिस की इस टीम ने छापा मारा तो दर्जनभर फोन कर अपराधी फोन पर ठगी में जुटे हुए थे. इसके बाद घेराबंदी कर उक्त स्थल से 10 साइबर अपराधियों को पकड़ लिया गया और एक अन्य को दासडीह से पुलिस ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया. वहीं, रकसकुट्टो निवासी मास्टरमाइंड गोविंद मंडल व एक अन्य भागने में सफल हो गया.
कइयों का नाता जामताड़ा के करमाटांड़ से : पकड़े गये साइबर अपराधियों में से कई लोगों का संबंध जामताड़ा के करमाटांड़ इलाके से जुड़ा हुआ है. इसमें जामताड़ा के डुमरिया गांव का सुभाष मंडल, महेशमुंडा का मंटू मंडल, गांडेय का मुकेश कुमार मंडल, मरगोडीह का पवन मंडल, दिनेश मंडल, संदीप कुमार मंडल, वीरेंद्र मंडल और दासडीह का ईश्वर साव, संतोष मंडल व डुमरी थाना इलाके के जीतकुंडी का छोटन मंडल शामिल है.
इंटरनेट पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर डाल कर करते थे ठगी : सभी से पूछताछ के बाद मुखिया हरि मंडल को गिरफ्तार किया गया. एसपी ने बताया कि मुखिया ने बताया कि वह भोले-भाले लोगों का बैंक/पेटीएम पासबुक ले लेता है और गोविंद मंडल को दे देता है. इसके एवज में गोविंद प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर उसे तीन प्रतिशत कमीशन देता है. पुलिसिया पूछताछ में मुखिया ने यह भी बताया कि उसका गिरोह सामूहिक रूप से अपराध करता है और बैंक ग्राहकों को सीरियल से फोन किया जाता है. जो व्यक्ति उसके गिरोह की बातों में आ जाता है वह ठगी का शिकार हो जाता है. इतना ही नहीं इन लोगों ने पेटीएम, विभिन्न इ वॉलेट का फर्जी कस्टमर केयर नंबर भी इंटरनेट पर डाला गया है और जो भी व्यक्ति अपनी समस्या के लिए इस नम्बर पर फोन करता है उसे ये लोग ट्रैप कर लेते हैं.
35-65 के अनुपात में बंटती है ठगी की राशि : पुलिसिया पूछताछ में यह भी साफ हुआ कि ठगी की रकम को निकालने के बाद 35 व 65 के अनुपात में राशि बांटी जाती है. 35 फीसदी रकम गोविंद रखता है, वहीं 65 फीसदी राशि को साथियों के बीच बांट दी जाती है. बताया गया कि इन साइबर अपराधियों ने कई को ठगा है, जिसका आंकड़ा निकाला जा रहा है. अभी तक एक बिल्डिंग की जांच की गयी है जो पवन मंडल का बताया जा रहा है. इस बिल्डिंग की लागत भी डेढ़ करोड़ से अधिक आंकी जा रही है. इसके अलावा अन्य आरोपितों की संपत्ति का आकलन किया जा रहा है. डीएसपी संदीप का कहना है कि अब तक पूछताछ में जो बातें सामने आयी हैं, उससे यह आकलन किया जा रहा है कि इन अपराधियों ने पांच करोड़ से भी ज्यादा की रकम की ठगी की है. हालांकि, स्पष्ट कुछ बताना अभी जल्दबाजी होगी.
कई कांडों में रहे हैं शामिल : पकड़े गये अपराधी कई कांडों के नामजद हैं. जहां मुखिया हरि मंडल बीडीओ गोलीकांड का नामजद है और इसके खिलाफ गांडेय थाना कांड संख्या 87/2018 दर्ज है. वहीं पवन मंडल गांडेय थाना कांड संख्या 85/2016 एवं मुफस्सिल थाना कांड संख्या 420/2016, छोटन मंडल गांडेय थाना कांड संख्या 149/2017, गोविंद मंडल अहिल्यापुर थाना कांड संख्या 90/2016 व साइबर थाना कांड संख्या 01/2020 का नामजद है. पुलिस पूछताछ में इन कांडों के अलावा भी कई कांडों में शामिल रहने की बात सामने आ रही है. पुलिस का दावा है कि शीघ्र ही इस मामले के अन्य पहलुओं का भी खुलासा किया जायेगा और इस गिरोह से जुड़े अन्य अपराधियों को भी गिरफ्तार किया जायेगा.
साला-बहनोई चला रहे थे संगठित गिरोह : इस गिरोह को काफी दिनों से गोविंद मंडल व दासडीह के मुखिया हरि मंडल संचालित कर रहा था. हरि मंडल पर पहले भी आपराधिक मामलों में आरोप लगते रहे हैं, लेकिन साइबर अपराध के संचालन को यह गुपचुप तरीके से अंजाम दे रहा था. चूंकि मुखिया हरि रिश्ते में गोविंद का ममेरा बहनोई लगता है. ऐसे में मुखिया ही बैंक पासबुक से लेकर एटीएम, फर्जी सिमकार्ड मुहैया कराता था. इसके एवज में मुखिया को 2-3 प्रतिशत कमीशन मिलता था. पकड़े गये ईश्वर साव ने बताया कि उसके बैंक पासबुक को मुखिया ने ही मास्टरमाइंड गोविंद को दिया है.
Posted by : Pritish Sahay