गोरखपुरः साइबर ठगों ने ठगी करने का निकाला नया तरीका, बोर्ड परीक्षा में पास कराने के नाम पर मांग रहे रुपए
गोरखपुरः साइबर ठगों ने ठगी करने का एक नया तरीका निकाला है. प्रधानाचार्य बताते हैं कि भर गए फॉर्म में जो मोबाइल नंबर पंजीकृत है. जालसाज उसी नंबर पर फोन कर रहे हैं. जालसाज परीक्षार्थी को एग्जाम में पास कराने के नाम पर पैसे की मांग कर रहे हैं.
गोरखपुरः यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों का परीक्षाफल अप्रैल लास्ट तक घोषित होने की संभावना है. लेकिन साइबर ठग अभिभावकों और विद्यार्थियों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर फोन करके पास कराने और नंबर बढ़वाने के नाम पर रुपए की मांग कर रहे हैं. जबकि बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन 10 दिन पहले पूरा हो चुका है. साथ ही बोर्ड परीक्षाफल तैयार करने में जुटा हुआ है. बोर्ड ने परीक्षार्थी और अभिभावकों को सचेत किया है कि वह ऐसे किसी भी तरह के प्रलोभन में न आए.
साइबर ठगों का अब नया तरीका
साइबर ठगों ने ठगी करने का एक नया तरीका निकाला है. परीक्षार्थियों पर विश्वास कायम करने के लिए यह जालसाज परीक्षार्थियों द्वारा बोर्ड परीक्षा में भरे गए फॉर्म से डिटेल निकालकर उन्हें डिटेल बता रहें है. स्कूल के प्रधानाचार्य बताते हैं कि भर गए फॉर्म में जो मोबाइल नंबर पंजीकृत है जालसाज उसी नंबर पर फोन कर रहे हैं. जालसाज परीक्षार्थी और उनके अभिभावकों को विश्वास में ले रहे हैं और बोर्ड में अच्छी पैठ बताकर उनसे नंबर बढ़वाने और एग्जाम में पास कराने के नाम पर पैसे की मांग कर रहे हैं.
परीक्षार्थी और अभिभावक हो रहे भ्रमित
अभिभावक और परीक्षार्थियों को जालसाज छात्रों का नाम ,रोल नंबर, जन्म तिथि के साथ माता पिता का नाम बता कर सत्यापन कर रहे हैं. जिससे परीक्षार्थी और अभिभावक भ्रमित हो रहे हैं. लेकिन एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि जालसाजों के पास यह जानकारी कहां से आई है. वहीं डीआईओएस डॉ. अमरकांत सिंह ने जिले के सभी प्रधानाचार्य को साइबर ठगों से छात्रों को सावधान करने के लिए बोर्ड से आए पत्र को भेजा है. उन्होंने प्रधानाचार्य से विद्यालय के विद्यार्थियों के व्हाट्सएप ग्रुप में पूरे मामले से अवगत कराने को कहा है ताकि कोई भी विद्यार्थी व अभिभावक ठगी का शिकार ना हो.
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डीआईओएस ने सावधान रहने की अपील की
डीआईओएस डॉ. अमरकांत सिंह ने बताया कि पैसा लेकर परीक्षा में पास कराने की कोई व्यवस्था नहीं है. यदि कोई फोन कर रहा है तो ये फर्जीवाड़ा है. उन्होंने अभिभावकों और परीक्षार्थियों को ऐसे संगठनों से सावधान रहने की अपील भी की है. उन्होंने कहा है कि अगर किसी विद्यार्थी व अभिभावक के पास इस तरीके का फोन आता है तो वह तत्काल इसकी सूचना प्रधानाचार्य या विभागीय अधिकारियों को दें.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप,गोरखपुर