‘अम्फान’ ने बंगाल में अब तक 12 लोगों को लीला, कई लाख करोड़ का पहुंचाया नुकसान
भीषण चक्रवाती तूफान 'अम्फान' (Cyclone Amphan) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के छह जिलों में भारी तबाही मचायी है. दोपहर 2:30 बजे के करीब यह चक्रवात दीघा के समुद्र तट से टकराया था. तब इसकी गति 185 किलोमीटर प्रति घंटे थी. उसके बाद 5 घंटे तक दक्षिण 24 परगना के समुद्र तट से लेकर दीघा के समुद्र तट के रास्ते में पड़ने वाले कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में भारी तबाही मचाता रहा है. इस चक्रवात की वजह से बंगाल में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.
कोलकाता : चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से पश्चिम बंगाल में 12 लोगों की मौत हुई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नाबन्न में बताया कि चक्रवाती तूफान में 10 से 12 लोगों की मौत की सूचना है. चक्रवाती तूफान से उत्तर और दक्षिण 24 परगना को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. कई इलाकों से संपर्क टूट गया है. प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार कई लाख करोड़ रुपये की क्षति हुई है, जबकि पूरी रिपोर्ट आने में तीन- चार दिन लगेगा. मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय में है और पूरी स्थिति पर नजर रखी हुई हैं. इलाके में बिजली सेवा बाधित हुई है और जगह-जगह पेड़ गिर गए हैं इस कारण यातायात सेवा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है.
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दूसरी ओर, कोलकाता महानगर के कई इलाकों में बारिश के कारण भारी जलजमाव हो गया है तथा कई इलाकों में घुटने भर पानी भर गया है कोलकाता नगर निगम में प्रशासक फिरहाद हकीम निगम कार्यालय में है और और पूरी स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, भीषण चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ (Cyclone Amphan) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के छह जिलों में भारी तबाही मचायी है. दोपहर 2:30 बजे के करीब यह चक्रवात दीघा के समुद्र तट से टकराया था. तब इसकी गति 185 किलोमीटर प्रति घंटे थी. उसके बाद 5 घंटे तक दक्षिण 24 परगना के समुद्र तट से लेकर दीघा के समुद्र तट के रास्ते में पड़ने वाले कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना में भारी तबाही मचाता रहा है. इस चक्रवात की वजह से बंगाल में 12 लोगों की मौत हो चुकी है.
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हावड़ा जिले के शालीमार में एक किशोरी के सिर पर टीन की छत गिर पड़ी, जिसकी वजह से मौके पर ही उसकी मौत हो गयी. इसी तरह से दक्षिण 24 परगना के मीनाखां में पेड़ की एक डाली टूट कर महिला पर गिर पड़ी, जिसके कारण उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया. दोनों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है. इसके अलवा चक्रवात ने अन्य लोगों को भी अपने आगोश में लिया.
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दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि जिले में 5,200 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. यहां के सुंदरवन में रहने वाले संरक्षित रॉयल बंगाल टाइगर पर वन विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया बल ने नजर रखी है, जिसकी वजह से अभी तक जंगली जीव बस्ती इलाके की तरफ प्रवेश नहीं कर पाये हैं, लेकिन तूफान की वजह से जंगल में भी उथल- पुथल मची हुई है.
दक्षिण 24 परगना से लेकर पूर्व मेदिनीपुर तक के समुद्र तट के रास्ते में पड़ने वाले अधिकतर कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गये हैं. बताया गया है कि हजारों मकानों की टीन की छत उड़ गयी है. हजारों जगहों पर पेड़ गिरे हैं, जिसकी वजह से सड़क जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) ने राज्य सचिवालय में बनाये गये कंट्रोल रूम में बैठकर पूरी परिस्थिति पर निगरानी रखी है.
मौसम विभाग के पूर्वी क्षेत्रीय निदेशक गणेश कुमार दास ने बताया कि राजधानी कोलकाता में अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली हैं, जबकि दक्षिण 24 परगना के सुंदरवन समुद्र तट और दीघा के समुद्र तट पर 185 से 190 किलोमीटर के बीच तूफान 3 से 4 घंटे तक तांडव मचाता रहा है. दीघा और सुंदरवन के समुद्र तट पर लहरें हैं. कम से कम 4 से 5 मीटर ऊपर तक उठती रही हैं. एनडीआरएफ (NDRF) और राज्य आपदा प्रबंधन (State disaster management) की टीम ने मिलकर कम से कम छह लाख लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया था. बावजूद इसके जानमाल का नुकसान कम नहीं हुआ है. माना जा रहा है कि इसकी वजह से राज्य में मरने वालों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ सकती है.