चक्रवाती तूफान Yaas की बारिश ने झारखंड के साहिबगंज में ढाया कहर, बंगाल से टूटा संपर्क
Jharkhand News, साहिबगंज न्यूज : चक्रवाती तूफान यास गुजर गया, लेकिन झारखंड के साहिबगंज व आसपास के इलाकों में हुई जोरदार बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ. पहाड़ से उतरने वाले पानी के कारण बरहरवा प्रखंड के निसिन्द्रा के समीप NH-80 सड़क बीच से कट कर बह गयी. इससे झारखंड व पश्चिम बंगाल का संपर्क टूट गया है. बरहरवा से बंगाल जाना मुश्किल हो गया है.
Jharkhand News, साहिबगंज न्यूज : चक्रवाती तूफान यास गुजर गया, लेकिन झारखंड के साहिबगंज व आसपास के इलाकों में हुई जोरदार बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ. पहाड़ से उतरने वाले पानी के कारण बरहरवा प्रखंड के निसिन्द्रा के समीप NH-80 सड़क बीच से कट कर बह गयी. इससे झारखंड व पश्चिम बंगाल का संपर्क टूट गया है. बरहरवा से बंगाल जाना मुश्किल हो गया है.
जानकारी के अनुसार जिस स्थान पर सड़क टूट कर बह रही है, वह पश्चिम बंगाल का फरक्का थाना क्षेत्र में आता है. इससे बरहरवा की ओर से बंगाल जाना मुश्किल हो गया है. एक भी वाहन पार नही हो रहा है. सड़क के ऊपर करीब 4-5 फीट पानी काफी तेज धार से बह रहा है. सड़क के बन्द हो जाने के कारण बरहरवा क्षेत्र के व्यवसाय पर इसका सीधा असर पड़ा है. बरहरवा क्षेत्र के लोगों को पश्चिम बंगाल जाने के लिए बरहेट पाकुड़ होकर जाना होगा. जिससे अतिरिक्त 80 किमी दूरी बढ़ेगी.
चक्रवाती तूफान यास के कहर से पतना प्रखंड क्षेत्र का कुछ हिस्सा टापू में तब्दील हो गया. सबसे ज्यादा भयावह स्थिति गुमानी नदी के किनारे स्थित गांवों में देखने को मिला. बरहरवा हिरणपुर मुख्य मार्ग पर शिवपाहाड़ के निकट स्थित बड़ा पुल में बना डायवर्सन बह गया. वहीं शिवपाहाड़ गांव के आगे मुख्य मार्ग पर स्थित करणी पुल के ऊपर 4 फीट तक पानी बह रहा है. जिससे 36 घंटे से यातायात बाधित है. शनिवार को जलस्तर घटा तो दो पहिया का आवागमन शुरू हुआ.
आपको बता दें कि कई वर्षों से पुल जर्जर होने के कारण भारी वाहनों के प्रवेश पर जिला प्रशासन ने रोक लगाया था. जिसके कारण स्थानीय लोगों ने डायवर्शन बनाया था. जो यास में पूरी तरह से बह गया. वहीं बरहरवा के लोग पतना चौक, बोरना पहाड़, इमलीगाछ, दुर्गापुर होते हुए हिरणपुर पहुंच रहे हैं. जिससे आम जनों को 30 किमी ज्यादा सफर तय करना पड़ रहा है. वहीं गुमानी नदी के निकट स्थित अठगंवा, कुंवरपुर, बड़तल्ला, शिवापाहाड़, डहुआ सहित कई गांव में शुक्रवार को स्थिति भयावह थी. शनिवार को जलस्तर में गिरावट आई. जिससे लोगों ने राहत की सांस ली.
Posted By : Guru Swarup Mishra