मुकेश तिवारी. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA Hike News) में 3 फीसदी की वृद्धि का ऐलान कर दिया. इससे खुश होने की बजाय सरकारी कर्मचारी नाराज हो गये हैं. उनका कहना है कि वे ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ जन आंदोलन करेंगे. सरकार ने सिर्फ 3 फीसदी डीए बढ़ाया. कर्मचारियों ने सरकारी की ओर से डीए में की गयी वृद्धि को सरकारी कर्मचारियों को दिया गया भीख बताया है.
कर्मचारी संगठनों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार 3 फीसदी डीए (7th Pay Commission DA Hike) बढ़ाकर अपनी पीठ थपथपा रही है और उम्मीद कर रही है कि सरकारी कर्मचारी उनसे खुश हो जायेंगे. लेकिन, सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तुलना में बंगाल सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता अब भी बहुत कम मिल रहा है. दोनों के महंगाई भत्ते का अंतर 35 फीसदी का था. यह घटकर अब 32 फीसदी रह गया है.
बता दें कि बुधवार (15 मार्च 2023) को पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि एक मार्च से राज्य सरकार के कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 3 प्रतिशत अतिरिक्त डीए दिया जायेगा. राज्य सरकार के कर्मचारी लंबे समय से डीए के लिए आंदोलन कर रहे हैं. शहीद मीनार के नीचे सरकारी कर्मचारियों का अनशन चल रहा है.
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आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने 15 फरवरी तक डीए बढ़ाने पर फैसला लेने का अल्टीमेटम सरकार को दे रखा था. राज्य की वित्त मंत्री ने डीए बढ़ाने का ऐलान तो कर दिया, लेकिन वह सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी को दूर नहीं कर पायीं. उल्टे सरकारी कर्मचारी भड़क गये. कहा कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारियों को बेसिक का 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता है. राज्य सरकार के कर्मचारियों को 3 प्रतिशत डीए मिलता था.
पहले महंगाई भत्ता में अंतर 35 फीसदी का था, जो अब घटकर 32 फीसदी रह गया है. राज्य सरकार के कर्मचारियों का दावा है कि कुछ दिनों के भीतर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 4 प्रतिशत डीए बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच वेतन में असमानता और बढ़ेगी.
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सरकारी कर्मचारियों ने कहा है कि उनकी और भी कई मांगें थीं, जिन पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ. बजट में भी उससे संबंधित कोई घोषणा नहीं हुई है. राज्य सरकार के कर्मचारियों ने पहले ही दावा किया था कि वे पंचायत चुनावों में तब तक काम नहीं करेंगे, जब तक उन्हें उचित महंगाई भत्ता नहीं मिल जाता. बजट में डीए बढ़ाने की घोषणा के बाद सरकारी कर्मचारियों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा. अब वे हड़ताल करने पर भी विचार करेंगे.