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सीवान में कोरोना से संक्रमित गांव में कम्यूनिटी स्प्रेड का बढ़ा खतरा, अलर्ट मोड में प्रशासन

बिहार में जहां पॉजिटिव मामलों की संख्या अब बढ़कर 60 हो गई वहीं इसमें सिर्फ सिवान जिले के 29 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव मिले हैं. जिससे संक्रमित गांव में कम्यूनिटी स्प्रेड का खतरा

By Rajat Kumar | April 11, 2020 11:31 AM

सीवान : बिहार का सीवान जिला अब कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है. राज्य में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज इसी जिले से मिले हैं. बिहार में जहां पॉजिटिव मामलों की संख्या अब बढ़कर 60 हो गई वहीं इसमें सिर्फ सिवान जिले के 29 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव मिले है.जिले के रघुनाथपुर प्रखंड के एक गांव में 23 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद सूबे में कोराना वायरस के संक्रमण के मामले में सबसे अधिक हॉटस्पॉट बना हुआ है. तीन किलोमीटर के कंटेंमेंट जोन में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए सारण क्षेत्र के आयुक्त के नेतृत्व में तमाम पदाधिकारी रघुनाथपुर में कैंप कर रहें हैं.

विदेश आये आये एक युवक ने अपने परिवार सहित 23 क्लोज कंटेक्ट वाले लोगों को संक्रमित किया है. 21 लोगों में गांव के दूसरे समुदाय के लोग है. विदेश से आने के बाद इस युवक ने अपने निकट कई संबधियों के यहां गया तथा गांव के लोगों के साथ मिला. पंजवार गांव में एक स्थान पर 23 लोगों के संक्रमित होने के बाद यहां पर कम्यूनिटी स्प्रेड का खतरा बढ़ गया है जिला प्रशासन व स्थानीय लोग लॉक डाउन का सख्ती से पालन अगर नहीं करते हैं तो सीवान जिले में कोरोना रोकना मुश्किल हो जायेगा. कोरोना के पॉजिटिव मरीज ने 23 अन्य लोगों को संक्रमित किया तथा अभी कई और के पॉजिटिव रिपोर्ट आने की संभावना है. इसके पीछे स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक पदाधिकारी में कम जिम्मेदार नहीं है. संक्रमित व्यक्ति को जब उसके बथान में क्वेरेंटिन में रखा गया तो उसकी मॉनीटरिंग सही तरीके से नहीं हुई.

सीवान में बना 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड

सीवान शहर के दयानंद आयुर्वेदिक अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाये गये 100 बेड के आइसोलेशन वार्ड सह ट्रीटमेंट सेंटर में रघुनाथपुर व पचरुखी प्रखंड के 21 कोरोना के पॉजिटिव मरीजों को रखा गया है. वहीं रघुनाथपुर के तीन महिलाओं मरीजों को पहले ही एनएमसीएच रेफर किया जा चुका है. आइसोलेशन वार्ड सह ट्रीटमेंट सेंटर में मरीजों के उपचार में उपयोग आने वाली दवा व उपकरणों को विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया है. आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के आयुष डॉक्टरों को मरीजों के उपचार एवं देखरेख के लिए रोस्टर के अनुसार ड्यूटी लगायी गयी है. वहीं सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों की चार टीम बनायी गयी है. यह टीम रोस्टर के अनुसार आयुर्वेदिक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड की निगरानी कर रही है.

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