धरती की ओर बढ़ रहा कुतुबमीनार से 11 गुणा बड़ा चट्टान, दुनियाभर के वैज्ञानिकों सहमे, आज हरपल रहेगी नजर
दुनिया भर के खगोल वैज्ञानिकों की नींद उड़ी हुई है. क्योंकि धरती की ओर बढ़ रहा है कुतुबमीनार से 11 गुणा बड़ी चट्टान. इसको लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिकों सहमे हुआ हैं. आज हर पल इसपर बनी रहेगी वैज्ञानिकों की नजर.
अंतरिक्ष में इधर से उधर लाखों एस्टेरॉइड (Asteroid) घुमते रहते हैं. कभी कभी ऐसे एस्टेरॉइड का रुख घरती की ओर भी हो जाता है. अक्सर ये धरती के बगल से गुजर जाते हैं लेकिन कभी-कभी पृथ्वी पर ये मचा देते है तबाही. अब एक बार फिर दुनिया भर के खगोल वैज्ञानिकों की नींद उड़ी हुई है. क्योंकि धरती की ओर बढ़ रहा है कुतुबमीनार से 11 गुणा बड़ी चट्टान. इसको लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिकों सहमे हुआ हैं. आज हर पल इसपर बनी रहेगी वैज्ञानिकों की नजर.
जी हां, आज विश्वभर के खगोल विज्ञानी बहुत सतर्क रहने वाले हैं. आज बहुत तेज रफ्तार से एक बेहद विशाल एस्टेरॉइड पृथ्वी के बेहद करीब आ रहा है. भारतीय समय के अनुसार मंगलवार की रात करीब 3 बजकर 21 मिनट पर यह धरती के बेहद करीब आ जाएगा. हालांकि, वैज्ञानिकों ने भरोसा जताया है कि, यह एस्टेरॉयड धरति की परिधि नहीं लांघेगा. यह धरती से करीब 19.3 लाख किलोमीटर दूर से ही निकल जाएगा. इसलिए इससे कोई खतरा नहीं हैं.
कितना बड़ा है एस्टेरॉइड का आकार: इस एस्टेरॉइड का नाम (7482) 1994 PC 1 रखा गया है. अकार में एक किमी यानी करीब 3280 फुट लंबा है. यानी कुतुबमीनार से 11 गुना बड़ा है. इसे पहली बार 1994 ऑस्ट्रेलिया के सिडिंग स्प्रिंग ऑब्जरवेटरी से एस्ट्रोनॉमर रॉबर्ट मैक्नॉट ने खोजा था. सबसे खास बात है कि यह एस्टेरॉइड करीब 20 किमी प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी के पास से निकलेगा. इस एस्टेरॉइड को नंगी आंखों या दूरबीन नहीं देखा जा सकेगा.
भारत को वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक शशि भूषण पांडेय ने बताया कि यह एस्टेरॉइड अन्य की तुलना में काफी बड़े आकार का है. गौरतलब है कि, एस्टेरॉयड (7482) 1994 PC 1 इससे पहले भी धरती के बेहद करीब से गुजर चुका है. इससे पहले ये 17 जनवरी 1933 को धरती के बेहद करीब से गुजरा था. उस समय यह 11 लाख किलोमीटर की दूरी से धरती के पास से गुजर गया था. अब यह 18 जनवरी 2105 को फिर धरती के पास से गुजरेगा.
Posted by: Pritish Sahay