अजय ठाकुर
Hazaribagh: हजारीबाग जिले के चौपारण एनएच 2 का दनुआ घाटी हमेशा सुर्खियों में रहता है. कभी वाहन दुर्घटना को लेकर तो कभी गाड़ी अगवा करने को लेकर. इन दिनों यह घाटी नशे के कारोबार को लेकर चर्चा में है. सूरज के ढलते ही यह घाटी अजनबी चेहरों से भर जाती है. यहां से शराब, अफीम, डोडा, गांजा के साथ-साथ मवेशियों की तस्करी खूब हो रही है.
चौपारण मुख्यालय से 16 किमी झारखंड-बिहार बॉर्डर तक रात भर अलग-अलग राज्य के नम्बर प्लेट वाली गाड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है. वीआईपी प्राइवेट गाड़ी पर अजनबियों का घुमना-फिरना शुरू हो जाता है. कई बार उनकी गाड़ियों में कुछ नामीग्रामी स्थानीय लोग भी होते है. जो कभी-कभार पुलिस के पकड़े जाने पर उसे बचाने के लिए आगे आ जाते है. इतना ही नहीं कई बार तो कारोबारियों को अपना रिश्तेदार बताने से भी परहेज नहीं करते हैं.
चोरदाहा चेक पोस्ट से रात भर मवेशियों से भरी गाड़ियां बिहार, यूपी से एनएच 2 होकर झारखंड में प्रवेश करती हैं. जहां से अलग-अलग सड़क मार्ग से बंगाल पहुंचती है. मवेशियों से लदे वाहनों के आगे-आगे स्कार्पियो या बोलेरो चलती है. जिस पर सवार लोग गाड़ी को लोकेशन देते हैं. उन्हीं के लोकेशन पर गाड़ियां चलती है.
अफीम तस्करी का सबसे बड़ा यार्ड है एनएच 2 का दनुआ घाटी. यहां चतरा, रांची, खूंटी एवं अन्य जगहों से तस्कर अफीम, डोडा एवं गांजा लेकर पहुंचते हैं. इसके बाद अलग-अलग राज्यों से आकर घाटी में शरण लिए सौदागर के हाथों बेच कर वे पुनः अपने घर को लौट जाते हैं. इस कारोबार में बड़ी संख्या में स्थानीय युवक जुड़े हुए हैं. जिसके माध्यम से यह गोरख धंधा घाटी में फैल रहा है.
इस कारोबार में संलिप्त कई लोगों को पुलिस पकड़ कर जेल भेज चुकी है. बावजूद यह कारोबार यहां थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन घाटी में लाखों का डोडा, अफीम एवं शराब का कारोबार हो रहा है.