दरभंगा जंक्शन पर गत 17 जून को सिकंदराबाद से आये पार्सल में हुए ब्लास्ट मामले में जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की टीम चार दिनों से यहां कैंप कर रही है. चौथे दिन बुधवार को भी जंक्शन पर जांच की. इस दौरान जीआरपी के साथ कागजी तैयारी में जुटी रही. हालांकि इस दौरान संदिग्ध की तलाश में गुप्त कार्रवाई की भी चर्चा है, जिसके संबंध में सभी अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं.
मालूम हो कि गत सोमवार को एनआइए की सात सदस्यीय टीम यहां पहुंची थी. दो दिनों तक जंक्शन पर अतिविशिष्ट प्रतीक्षालय में रेलकर्मी व अन्य लोगों का बयान लिया था. इस दौरान काफी एहतियात बरती जा रही है. प्रतीक्षालय को सुरक्षा घेरे में रखा गया है. इधर यह भी बताया जाता है कि गिरफ्तार शातिर आतंकियों से टीम को कई अहम जानकारी मिली है. इस संबंध में एनआइए के अधिकारी पड़ताल कर रहे हैं. साथ ही यहां के संदिग्ध जो पहले से पुलिस की रिकार्ड में हैं, उनकी भी टोह में टीम है.
घटना के बाद पहली बार 25 जून को एनआइए की चार सदस्यीय टीम दरभंगा जंक्शन पहुंची थी. उस दौरान पार्सल अनलोड करने वाले कुली समेत तीन गवाहों के बयान दर्ज किए गये थे. सूत्रों की मानें तो एनआइए की टीम सोमवार की देर शाम छापेमारी के लिए भी जिला में निकली. हालांकि इस संबंध में कोई भी अधिकारी कुछ बताने से परहेज कर रहे हैं.
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सनद रहे कि 17 जून को सिकंदराबाद से आयी स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन से पहुंचे पार्सल को उतारने के बाद अचानक उसमें विस्फोट हो गया था. जांच के दौरान विस्फोटक के रूप में केमिकल बम के प्रयोग की बात सामने आयी थी. इसके बाद आनन-फानन में एनआइए ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी. इसके तहत तीन सदस्यीय टीम ने जंक्शन पर घटना स्थल का मुआयना भी किया था. सिकंदराबाद में भी जांच चलती रही.
सिकंदराबाद से उत्तर प्रदेश तक से इस धमाके के तार जुड़ने तथा पाकिस्तान से इस घटना को अंजाम देने की बात सामने आयी. इसके बाद एनआइए ने पार्सल बुक कराने वाले मो. सुफियान की तलाश तेज कर दी. कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए यूपी से पहले पिता-पुत्र को दबोचा. इसके बाद करीब आधा दर्जन संदिग्धों की गिरफ्तारी की गयी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan