दरभंगा में अकेले रह रहे बुजुर्ग की कोरोना से हुई मौत, अंतिम संस्कार के लिए दिल्ली से बिहार पहुंचा बेटा
दरभंगा के रामबाग मोहल्ला में अपने घर में अकेले रह रहे बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो गयी. बुजुर्ग का एक मात्र इंजीनियर पुत्र दिल्ली में नौकरी करता है. पत्नी का पांच साल पूर्व निधन हो चुका है. अंतिम समय में अपना कोई बुजुर्ग के साथ नहीं था. होटल से खाना मंगाकर बुजुर्ग भूख मिटाते थे. जानकारी के अनुसार पुत्र कल शाम पिता को कई बार कॉल किया. कॉल रिसिव नहीं होने पर पुत्र ने परिचितों को पता करने को कहा. आज सुबह में पता चला कि बुजुर्ग की मौत हो गयी है.
दरभंगा के रामबाग मोहल्ला में अपने घर में अकेले रह रहे बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो गयी. बुजुर्ग का एक मात्र इंजीनियर पुत्र दिल्ली में नौकरी करता है. पत्नी का पांच साल पूर्व निधन हो चुका है. अंतिम समय में अपना कोई बुजुर्ग के साथ नहीं था. होटल से खाना मंगाकर बुजुर्ग भूख मिटाते थे. जानकारी के अनुसार पुत्र कल शाम पिता को कई बार कॉल किया. कॉल रिसिव नहीं होने पर पुत्र ने परिचितों को पता करने को कहा. आज सुबह में पता चला कि बुजुर्ग की मौत हो गयी है.
घर में रहने वाला एक किरायेदार कोरोना की डर से डेरा छोड़ कर पहले ही भाग चुका था. जानकारी मिलने पर हवाई जहाज से दोपहर में पुत्र यहां पहुंचा. रात में शव का अंतिम संस्कार होगा. बताया जाता है कि कुछ दिनों पूर्व बुजुर्ग कोरोना संक्रमित हो गये थे. मकान में किराये पर एक कमरा में रहने वाला एक लड़का उनका ख्याल रखता था. बाद में कोरोना की डर से लड़का अपने गांव चला गया. पुत्र को इसकी जानकारी दी गयी, लेकिन समय के अभाव में पुत्र दरभंगा नहीं आ सका.
यह भी बताया जाता है कि बुजुर्ग किसी पर भार नहीं बनना चाहते थे. महाराष्ट्र सरकार में पीआरओ अधिकारी के पद से वे सेवानिवृत हुए थे. उनका पैत्रिक घर उजान बताया गया है. वे रामबाग में मकान बनाकर रह रहे थे. मकान में निर्माण कार्य चल रहा था. आसपास के कुछ लोगों का कहना है कि पुत्र के कई बार कहने के बावजूद वे दिल्ली नहीं गये. फरवरी माह में पुत्र ने दिल्ली में उनकी आंख का आपरेशन कराया था. वे दिल्ली में नहीं रहना चाहते थे. कुछ दिन रहने के बाद दरभंगा चले आये थे.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan