हावड़ा, कुंदन झा : कुछ दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड और शीतलहर से जनजीवन कुछ हद तक प्रभावित हुआ है, लेकिन मौसम के इस बदलाव से खजूर गुड़ (Date palm jaggery ) बनाने वाले लोगों के चेहरे पर रौनक आ गयी है. ठंड का बढ़ना उनके लिए वरदान साबित हो रहा है. उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों तक ऐसी ही ठंड जारी रही, तो खजूर गुड़ की बिक्री अच्छी होगी. बता दें कि सर्दियों में राज्य में खजूर गुड़ की मांग बढ़ जाती है. इस गुड़ से कई तरह की मिठाइयां बनायी जाती हैं. पूर्व मेदिनीपुर के खेजुरी निवासी सुशांत नाइक ताड़ के पेड़ से रस निकाल गुड़ बनाते हैं. वह अपने परिवार को लेकर बागनान चले आये हैं.
सुशांत नाइक ने ताड़ के 300 पेड़ किराये पर लिया है. उन्होंने कहा कि ठंड बढ़ने से उनलोगों को काफी लाभ मिलेगा. क्योंकि अधिक ठंड होने से पेड़ से अधिक रस निकलता है. पिछले कुछ दिनों से वह रस निकालकर उसे कड़ाही में गर्म कर गुड़ बनाने का काम शुरू कर दिया है. गुड़ खरीदने के लिए ग्रामीण के साथ मिठाई विक्रेता भी पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि काली पूजा के ठीक बाद खजूर गुड़ बनाने की तैयारी शुरू हो जाती है. ताड़ के पेड़ पर मिट्टी के बर्तन को बहुत बारीकी से रखा जाता है. सबसे अधिक खजूर गुड़ बागनान, आमता, उदयनारायणपुर और उलबेड़िया में बनते हैं.
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आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि खजूर गुड़ में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. सर्दियों के मौसम में खजूर गुड़ खाना लाभकारी होता है. यह सर्दी, जुकाम और खासतौर से कफ से राहत देने में मदद करता है. जोड़ों में दर्द की समस्या होने पर रोजाना खजूर गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक खाने से आराम मिलता है. गुड़ को अदरक के साथ गुनगुना कर खाने से गले की खराश और जलन में राहत मिलती है.