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धनबाद : गोविंदपुर में बालिका बधू बनने से बची बिटिया, बड़ी बहन ने पुलिस-प्रशासन के सहयोग से ऐसे बचाया

धनबाद के गोविदंपुर क्षेत्र में बालिका बधू बनने से बची एक बिटिया. बड़ी बहन की सूचना पर गांव पहुंचे पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने बालिका के परिवार वालों को समझाया. परिजनों ने भी अपनी गलती मानी और 18 साल बाद ही बच्ची की शादी की बात कही.

Jharkhand News: धनबाद के गोविंदपुर में बड़ी बहन ने छोटी बहन की बाल विवाह होने से बचाया. चार बहनों में छोटी बहन की शादी की जानकारी तीसरे नंबर की बहन ने पुलिस-प्रशासन को दिया. जानकारी मिलते ही पुलिस-प्रशासन की सक्रियता से बाल विवाह से एक बच्ची की जिंदगी बर्बाद होने से बच गया. 14 वर्षीय बालिका का बलियापुर के एक युवक के साथ विवाह होना तय था. लेकिन, पुलिस प्रशासन को जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंच कर बच्ची के माता-पिता को समझाते हुए बाल विवाह से बच्ची को बचाया.

क्या है मामला

गोविंदपुर के आरएस मोड़ कॉलेज क्षेत्र में रहने वाली 14 साल की बालिका का विवाह होने जा रहा था. इसकी जानकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष कुमार एवं पुलिस इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार को मिली. दोनों अधिकारियों ने इसे गंभीरतापूर्वक लिया और अधिकारियों की टीम को रतनपुर भेजा. पुलिस-प्रशासन के अधिकारी दल-बल के साथ रतनपुर स्थित बालिका के आवास पहुंचे. बताया गया कि बालिका की चार बहनें हैं. दो की शादी हो चुकी है. तीसरी बहन की शादी बलियापुर में तय हुई थी, लेकिन लड़के वाले चौथी बहन से शादी करना चाहते थे. सबसे छोटी के नाबालिग होने के कारण परिवार वाले उससे शादी करना नहीं चाहते, लेकिन लड़के वालों के दबाव के कारण शादी करने को तैयार हुए.

तीसरी बहन ने छोटी बहन की शादी की जानकारी पुलिस-प्रशासन को दी

14 जुलाई को शादी की तारीख तय थी, लेकिन इससे पहले पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को उनकी तीसरी पुत्री ने ही बाल विवाह की जानकारी दी थी. जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके घर जाकर सभी के बीच में बैठक की. पहले तो घर वाले शादी तोड़ने को राजी नहीं हुए, लेकिन जब पुलिस-प्रशासन अधिकारी ने सख्ती दिखाई, तो फिर परिवार के लोग बाल विवाह तोड़ने को राजी हुए.

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अब 18 साल बाद ही बिटिया की होती शादी

किशोरी की मां ने लिखित दिया कि उन्हें बाल विवाह अधिनियम की जानकारी नहीं थी. इस कारण उसने शादी तय कर दी थी. अब 18 साल बाद ही उसकी शादी करेगी. इस निर्णय के बाद बीईईओ की सूचना पर उच्च विद्यालय बागसुमा के प्रधानाध्यापक उनके घर पहुंचे और उस बच्ची का वर्ग नौ में दाखिला भी ले लिया. अब वह बच्ची स्कूल जाएगी और पढ़ाई करेगी. बैठक में बीईईओ विनोद पांडेय एवं राजीव रंजन, पूर्व मुखिया मिहिर कुमार मंडल, बीआरपी राजेश मंडल, मेघनाथ धीवर , निरंजन महतो, लता देवी, बीपीओ दीपक कुमार, प्रमोद कुमार, राजीव धीवर, बबलू धीवर आदि मौजूद थे.

बाल विवाह के मामले को गंभीरता से लिया : प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी

इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष कुमार ने कहा कि उन्हें प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने जैसे ही बाल विवाह की जानकारी दी उन्होंने मामले को तुरंत गंभीरता से लिया और इसे रोकने के लिए पुलिस इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार से संपर्क साधा. उन्होंने कहा कि पुलिस इंस्पेक्टर ने सहयोग किया और एक कन्या को बाल विवाह में बंधने से रोका. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन किया. प्रखंड विकास पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी के रूप में अपनी भूमिका निभायी.

समय रहते बच्ची की बच गयी जिंदगी : पुलिस इंस्पेक्टर

वहीं, पुलिस इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार ने कहा कि जैसे ही उन्हें प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बाल विवाह की जानकारी दी. अन्य मामलों को छोड़कर वह इस मामले में लग गए और थाना से पुलिस अधिकारी एवं बल भेजकर रतनपुर में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों की उपस्थिति में बैठक करायी. इसमें आम लोगों ने भी भाग लिया और एक कन्या की जिंदगी बची. उन्होंने कहा कि इस तरह के अन्य मामले भी कहीं होते हैं, तो जानकारी मिलने पर वह त्वरित कार्रवाई करेंगे.

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