Gorakhpur News: डोंगी नाव पर सेल्फी लेना लड़कों को पड़ा भारी, 2 की मौत, परिजनों को 4-4 लाख की मिलेगी मदद

मामला गोरखपुर के गिड़ा थानाक्षेत्र के वनगांव स्थित पोखरे का है. सेल्फी लेने के दौरान डोंगी नाव में सवार 6 बच्चे डूबने लगे. पास में ही मौजूद एक ग्रामीणों ने 3 बच्चों को डूबने से बचा लिया. एक लड़का खुद तैरकर नदी से बाहर आ गया लेकिन गहरे पानी में जाने की वजह से एक किशोर समेत दो की डूबने से मौत हो गई.

By Prabhat Khabar News Desk | March 28, 2022 12:29 PM

Gorakhpur News: गोरखपुर गिड़ा थानाक्षेत्र में नाव पर सेल्फी लेना कुछ लड़कों को भारी पड़ गया. सेल्फी लेना लड़कों को इतना भारी पड़ा कि दो लड़कों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. यह मामला गोरखपुर के गिड़ा थानाक्षेत्र के वनगांव स्थित पोखरे का है. सेल्फी लेने के दौरान डोंगी नाव में सवार 6 बच्चे डूबने लगे. पास में ही मौजूद एक ग्रामीणों ने 3 बच्चों को डूबने से बचा लिया. इसमें एक लड़का खुद तैरकर नदी से बाहर आ गया लेकिन गहरे पानी में जाने की वजह से एक किशोर समेत दो की डूबने से मौत हो गई.

पोखर में होता है मछली पालन

इसकी सूचना के बाद मौके पर बच्चों के परिवार के लोग एवं ग्रामीण जुट गए. उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी. तुरंत ही पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई. एनडीआरएफ की टीम और गोताखोरों ने पोखरी में डूबे हुए बच्चों की तलाश शुरू कर दी. बनगांव के पास स्थित एक पोखरा है. जहां पर मछली पालन का कार्य होता है. रविवार की दोपहर करीब 2 बजे के आस-पास गांव के ही हैं. लड़के खेलते हुए एक डोंगी नाव पर सवार हो गए.

दो बच्चे गहरे पानी में चले गए थे

वे पोखरे में काफी अंदर तक चले गए थे. उसके बाद ये बच्चे अपने मोबाइल से सेल्फी लेने लगे. इसी दौरान अनियंत्रित होकर नाव पलट गई. इस नाव में कुल 6 बच्चे सवार थे. पोखरे के पास मौजूद एक ग्रामीण ने जब इस घटना को देखा तो तत्काल पोखरे में छलांग लगाकर डूब रहे तीन बच्चों को बाहर निकाल लाया. एक बच्चा खुद तैरकर पोखरे से बाहर निकल गया लेकिन बाकी बचे दो बच्चे गहरे पानी में चले गए और डूब गए. बच्चों की पोखरे में डूबने की खबर सुनते ही ग्रामीण एकत्र हो गए.

शाम 6 बजे तक चला राहत अभियान

एनडीआरएफ की टीम और गोताखोरों ने काफी मशक्कत के बाद शाम करीब 4 बजे एक लड़के आकाश को बाहर निकाला उसके बाद काफी मशक्कत के बाद दूसरे डूबे हुए लड़के नंदेश्वर का शव लगभग 6 बजे बाहर निकालने में कामयाब रहे. मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने बताया कि आकाश व नंदेश्वर के परिजन को तहसील की तरफ से चार-चार लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी. बच्चों की मौत के बाद उनके परिवार में कोहराम मच गया. आकाश के पिता मजदूरी करके परिवार की जीविका चलाते हैं. आकाश तीन भाइयों में सबसे छोटा था. वहीं नंदेश्वर 11वीं का छात्र था. उसके पिता किसान हैं और खेती से ही उनका जीवनयापन चलता है.

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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