Shahjahanpur News: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में 11 साल पहले हुई तीन सगी बहनों की हत्या के मामले में न्यायालय ने मंगलवार को दो अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई है. सगी बहनों के हत्या के मामले में यह सजा अपर सत्र न्यायधीश सिद्धार्थ कुमार राघव ने सुनायी. न्यायाधीश ने बच्चियों के पिता को ही हत्यारोपित बताकर चार्जशीट पेश करने वाले तत्कालीन विवेचक व गवाह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है, जिसके बाद से पुलिसकर्मियों में खलबली मची हुई है.
शाहजहांपुर के निगोही थाना क्षेत्र के गांव जेवां मुकुंदपुर में 15 अक्टूबर 2010 को अवधेश कुमार अपने घर में चारपाई पर लेटा था. उसी दौरान पुरानी रंजिश में खुन्नस मानने वाले छुटकन्नू, उसका बेटा नरवेश व भाई राजेंद्र असलहा लेकर घर में घुस गए. उन लोगों ने अंधाधुंध फायरिंग की.
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अवधेश तो वहां से भाग गए, लेकिन अभियुक्तों ने पड़ोस में चारपाई पर लेटीं उसकी बेटी रोहिणी (9), नीता (8) और सुरभि (7) काे गोलियों से भून दिया. उन तीनाें की माैके पर ही माैत हो गई थी. पुलिस ने उसी दिन मुकदमे में तीनों अभियुक्तों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली. मगर, तत्कालीन विवेचक होशियार सिंह ने विवेचना में अवधेश को ही बेटियों का हत्यारा बताते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा ने विवेचक के आरोप पत्र व गवाह दिनेश के बयान को गलत बताते हुए नामजद अभियुक्तों को ही हत्यारा बताया. अपर सत्र न्यायाधीश ने गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर राजेंद्र व नरवेश को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि छुटकन्नू की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है.
(रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद, बरेली)