चतरा (दीनबंधु) : झारखंड के एक प्रवासी कामगार ने चेन्नई में आत्महत्या कर ली है. चतरा जिला के इस प्रवासी श्रमिक के बारे में कहा जा रहा है कि वह कर्ज के बोझ तले दबा था. कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से मंगलवार को उसने अपनी जान दे दी. बताया गया है कि कान्हाचट्टी के तुलबुल निवासी सोमारी भुइयां (40) का शव झारखंड लाने के लिए उसके परिवार ने हेमंत सोरेन सरकार से गुहार लगायी है.
सोमारी भुइयां दो साल से अपने छह बच्चों और पत्नी के साथ चेन्नई में रहता था. वहां एक कंपनी में काम करके परिवार का पेट पालता था. अब जबकि उसने आत्महत्या कर ली है, उसकी पत्नी पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है. एक साथ 6 बच्चों का पेट भरने की जिम्मेवारी उस पर आन पड़ी है, तो पति का शव लेकर झारखंड आने की भी मुसीबत उसे उठानी है.
दरअसल, मार्च में जब एक साथ देश भर में लॉकडाउन की घोषणा हुई, तो उसका काम बंद हो गया. सोमारी के सामने परिवार का पेट भरने का संकट उत्पन्न हो गया. तीन महीने तक किसी तरह से परिवार के साथ गुजारा करता रहा. इस दौरान उसने कई लोगों से काफी कर्ज ले लिया. अंतत: उसकी हिम्मत जवाब दे गयी और उसने अपनी इहलीला समाप्त कर ली.
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परिवार का इकलौता कमाई सदस्य सोमारी की पत्नी मालती देवी ने एक साल पहले ही महिला समूह की मदद से किसी निजी कंपनी से 30,000 रुपये कर्ज ले रखा था. चार महीने से कंपनी का मैनेजर उस पर लोन चुकाने का दबाव बना रहा था. कर्ज देने वालों ने जब दबाव बनाना शुरू कर दिया, तो सोमारी टूट गया और पांच बेटी और एक बेटे के साथ पत्नी मालती को अकेला छोड़ गया.
चारों ओर से मुश्किलों में घिरी मालती देवी ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार से अपील की है कि वह उसके पति के शव के साथ उसके बच्चों को भी चतरा पहुंचाने की व्यवस्था करे. मालती देवी को पूरी उम्मीद है कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार उसकी मदद करेगी. सोमारी के शव को उसके घर तक जरूर पहुंचायेगी, जहां उसके अपनों के बीच अंतिम संस्कार किया जा सकेगा.
Posted By : Mithilesh Jha