दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पीएचडी की प्रवेश परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक एडमिशन की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया है. पीएचडी में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट लेकर अभ्यर्थी दर-बदर भटक रहे हैं. हद तो यह है कि विश्वविद्यालय आज भी यह बता पाने में खुद को अक्षम पा रहा है कि पीएचडी में प्रवेश की प्रक्रिया कब शुरू होगी. जिसका नतीजा यह है कि प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को भटकना पड़ रहा है. इस सत्र में पीएचडी में प्रवेश को लेकर गोरखपुर विश्वविद्यालय में शुरू से ही तरह-तरह की दिक्कतें आई. गोरखपुर विश्वविद्यालय में इस सत्र में पीएचडी की प्रवेश परीक्षा की तिथि 30 जुलाई को घोषित की गई थी. लेकिन बिना किसी सूचना के उसे टाल दिया गया. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पहले से सूचना नहीं देने के कारण निर्धारित तिथि पर अभ्यर्थी पहुंचे लेकिन उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा. इसके बाद दूसरी नई तिथि 10 अगस्त को घोषित हुई और उस तिथि पर परीक्षा भी हुई. 34 विषयों में इस परीक्षा के लिए 2534 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था.
परीक्षा के दौरान कई अभ्यर्थियों का नॉमिनल रोल एक होने के चलते धांधली का आरोप लगा. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोप को खारिज करते हुए 12 अगस्त को परीक्षा परिणाम भी घोषित कर दिया. लेकिन अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएचडी छात्रों का प्रवेश नहीं लिया है. ऐसे में प्रवेश की उम्मीद लगाए अभ्यर्थी अपनी अकादमिक करियर को लेकर आगे का निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. छात्र प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट लेकर भटक रहे हैं. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी ने बताया कि पीएचडी को लेकर बीते सत्रों का बैकलॉग पूरा किया जा रहा है. आगे से पीएचडी के नियम स्पष्ट और आसान रहें इसके लिए नई पीएचडी परिनियमावली भी बनाई जा रही है. दोनों कार्य संपन्न होने के बाद ही नए सत्र में प्रवेश को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ना संभव हो सकेगा.
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गोरखपुर विश्वविद्यालय में वर्तमान सत्र में पीएचडी में प्रवेश लेने में बीते अधूरे सत्र और नई पीएचडी परिनियमावली का पेज फंसा हुआ है. पिछले करीब तीन सत्र में पीएचडी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही. ऐसे में बहुत से विद्यार्थियों का प्रीपीएचडी के बाद भी पीएचडी में नामांकन नही हो सका. सत्र 2019-20 के प्री पीएचडी छात्रों की पीएचडी में पंजीकरण की लड़ाई तो अब जाकर पूरी हुई है. ऐसे में पीएचडी को लेकर जब तक बीते सत्रों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक नया प्रवेश लिया जाना संभव नहीं है. बैकलॉग क्लियर होने के बाद निर्देशक के पास खाली सीटों की स्थिति साफ हो सकेगी और तभी खाली सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकेगी.
फिलहाल पीएचडी में प्रवेश को लेकर अभ्यर्थियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने बैकलॉग क्लियर नहीं किया था तो ऐसी स्थिति में पीएचडी प्रवेश परीक्षा क्यों ली गई. इसका कोई ठोस जवाब विश्वविद्यालय के पास नहीं है. विश्वविद्यालय प्रशासन पीएचडी के मामले में नई परिनियमावली भी बना रहा है. और जब तक यह बनकर तैयार नहीं हो जाती है.तब तक प्रवेश की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है.
रिपोर्ट – कुमार प्रदीप, गोरखपुर