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गोरखपुर यूनिवर्सिटी में बदलेगा PhD में एडमिशन के नियम, कुलपति ने बनाई हाईलेवल कमेटी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने नया पीएचडी अध्यादेश तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन कर दिया है. नया पीएचडी अध्यादेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उल्लिखित सिद्धांतों तथा यूजीसी पीएचडी अधिनियम 2022 को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा.

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी (Deen Dayal Upadhyay Gorakhpur University) की कुलपति प्रो. पूनम टंडन (Vice Chancellor Pro. Poonam Tandon) ने नया पीएचडी अध्यादेश तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति (Five Member High Level Committee) का गठन कर दिया है. शोध एवं अनुसंधान में गुणवत्ता तथा शैक्षणिक परिदृश्य में अकादमिक लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है. डीडीयू प्रशासन (DDU Administration) द्वारा गठित समिति का संयोजक प्रो. दिनेश यादव को बनाया गया है. प्रो. सुनीता मुर्मू, प्रो. पूजा सिंह, प्रो. राजर्षि गौड़ तथा डॉ रामवंत गुप्ता इस समिति में सदस्य बनाए गए हैं. नया पीएचडी अध्यादेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उल्लिखित सिद्धांतों तथा यूजीसी पीएचडी अधिनियम 2022 को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा. बहु विषयक शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सुविधा प्रदान की जाएगी. शोध प्रवेश प्रक्रिया में विभागों की भागीदारी भी बढ़ाई जाएगी.

इन स्टूडेंट्स को पीएचडी में एडमिशन के लिए अवसर

चार वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने वाले स्टूडेंट्स सीधे पीएचडी में एडमिशन के लिए योग्य होंगे. इसके लिए उन्हें पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं लेनी होगी. मेधावी स्टूडेंट्स के पास पीएचडी में एडमिशन के अधिक अवसर होंगे. इससे शोध को लेकर स्टूडेंट्स में रुझान बढ़ेगा.

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यूनिवर्सिटी लगाएगा बड़ी छलांग

कुलपति प्रो. पूनम टंडन के मुताबिक नया पीएचडी अध्यादेश युवा प्रतिभाओं को पोषित करने और अनुसंधान की गुणवत्ता को बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता की दिशा में एक बड़ी छलांग होगा. स्टूडेंट्स को अनुसंधान के अपने चुने हुए क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त हो इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा. इस पहल से विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता एव नवाचार के केंद्र के रूप में विकसित होगा.

एडमिशन की प्रक्रिया की भी होगी समीक्षा

गोरखपुर यूनिवर्सिटी (डीडीयू) में प्रवेश प्रक्रिया की भी समीक्षा की जा रही है. कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इसके लिए भी एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है. इस बार प्रवेश प्रक्रिया में बार-बार खामियां मिलने के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है. समीक्षा के लिए गठित समिति विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों में प्रवेश पाने के इच्छुक आवेदकों के लिए प्रवेश मानदंड और वेटेज के आवंटन से संबंधित सुधारों की समीक्षा कर अपने सुझाव देगी. समिति में अधिष्ठाता विधि संकाय, अधिष्ठाता कला संकाय, अधिष्ठाता वाणिज्य संकाय, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय तथा अधिष्ठाता छात्र कल्याण होंगे. समिति में कुलपति द्वारा नामित छात्र प्रतिनिधि और एक अन्य नामित सदस्य भी होंगे.

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