13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डीपफेक लोकतंत्र के लिए नया खतरा, अंकुश लगाने के लिए नियामक संस्था की जरूरत, संसद में उठी मांग

भाजपा सदस्य ने कहा कि, ऐसे वीडियो के जरिए लोगों को भ्रमित किया जा रहा है और लोगों के आपत्तिजनक वीडियो तक सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विराट कोहली और शाहरूख खान जैसी चर्चित हस्तियों को विभिन्न उत्पादों का विज्ञापन करते दिखाया जा रहा है

राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य सुशील कुमार मोदी ने डीपफेक और सिंथेटिक वीडियो के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरा करार दिया. शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए उन्होंने इस पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) जैसी नियामक संस्था बनाए जाने की जरूरत पर बल दिया. सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी डीपफेक के माध्यम से निशाना बनाया गया है. उन्होंने कहा, पिछले दिनों हम लोगों ने देखा कि स्वयं प्रधानमंत्री जी को गरबा करते हुए दिखाया गया और समर्थकों को लगा कि वास्तव में प्रधानमंत्री जी ही हैं. लाखों और करोड़ों की संख्या में उस वीडियो को लोगों ने आगे बढ़ा दिया. खुद, प्रधानमंत्री जी को इसका खंडन करना पड़ा कि उन्होंने वर्षों से कभी किसी नृत्य में भाग नहीं लिया.

ऐसे वीडियो के जरिए लोगों को भ्रमित किया जा रहा

भाजपा सदस्य ने कहा कि, ऐसे वीडियो के जरिए लोगों को भ्रमित किया जा रहा है और लोगों के आपत्तिजनक वीडियो तक सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि विराट कोहली और शाहरूख खान जैसी चर्चित हस्तियों को विभिन्न उत्पादों का विज्ञापन करते दिखाया जा रहा है जबकि उसमें उनकी कोई भूमिका भी नहीं होती. उन्होंने एक अभिनेत्री की वास्तविक जैसी दिखने वाली डीपफेक वीडियो का उल्लेख किया और कहा कि महिलाएं सबसे ज्यादा इसका शिकार हो रही हैं. उन्होंने कहा, डीपफेक वीडियो लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं. चुनाव के समय इसके भारी दुरुपयोग की आशंका है. सुशील मोदी ने कहा कि सरकार ने पिछले दिनों सोशल मीडिया कंपनियों को बुलाया भी है कि वह डीपफेक फैलाने वालों की पहचान भी कर रही है. उन्होंने इस बारे में जागरूकता फैलाए जाए जाने की जरूरत बताते हुए सरकार से कहा कि, सोशल मीडिया के लिए जो स्व नियमन है, इससे काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा, इसलिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर प्रभावी अंकुश के लिए सेबी जैसी नियामक संस्था बनाए जाने की आवश्यकता है.

Also Read: Nithin Kamath on Deepfake: बैंकिंग और फाइनेंस में तबाही मचा सकता है डीपफेक, नितिन कामथ ने किया खतरे से आगाह
अधिसूचना रद्द करने या उसमें ढील देने की मांग

डीपफेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग से तैयार किया गया वह अवास्तविक रूप है, जिसका उपयोग ऑडियो और विजुअल सामग्री के माध्यम से लोगों को बहकाने अथवा गुमराह करने के लिये किया जा सकता है. सेबी की स्थापना प्रतिभूतियों (सिक्यूरिटीज़) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण, प्रतिभूति बाजार के विकास का उन्नयन तथा उसके विनियमन और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करने के उद्देश्य से किया गया है. भाजपा के अनिल बलूनी ने पर्यटन के विकास के लिए उत्तराखंड के लैंसडॉन के कुछ हिस्सों में छावनी क्षेत्र की अधिसूचना रद्द करने या उसमें ढील देने की मांग की.

वस्तु एवं सेवा कर के दायरे से बाहर करने की मांग

भाजपा के विजय पाल सिंह तोमर ने किसान क्रेडिट कार्ड की राशि छोटे और सीमांत किसानों के लिए 3 लाख से बढाकर 5 लाख रुपये किये जाने की मांग की. वर्तमान में यह सीमा 3 लाख रुपये है. यूपीपी (एल) के रवंगवरा नारजारी ने भौगोलिक स्थिति को दर्शाने के लिए असम में बोंगाईगांव तेल रिफाइनरी का नाम बदलने की मांग की. बीजू जनता दल की सुलता देव ने निर्भया कोष के बेहतर वितरण की मांग की. इसी पार्टी के सुजीत कुमार ने हथकरघा उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर के दायरे से बाहर करने की मांग की. भाजपा की सीमा द्विवेदी ने खेल कोटे से कर्मचारियों की भर्ती का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार की ओर से इस संबंध में जरूरी निर्देश दिये जाने चाहिए.

Also Read: DeepFake पर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स ने क्या कदम उठाए? सरकार ने किया रिव्यू

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें