Kanpur News: इजरायल-हमास युद्ध से डिफेंस कॉरिडोर को भी लगा झटका, हथियारों का निर्माण रुका

इजरायल-हमास युद्ध से कानपुर के डिफेंस कॉरिडोर को भी झटका लगा है. इससे जहां उत्पादन का शेड्यूल बिगड़ेगा वहीं हथियारों का निर्माण भी टल जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | October 17, 2023 2:39 PM

इजरायल-हमास युद्ध से कानपुर के डिफेंस कॉरिडोर को भी झटका लगा है. इससे जहां उत्पादन का शेड्यूल बिगड़ेगा वहीं हथियारों का निर्माण भी टल जाएगा. इसकी मुख्य वजह यह है कि कॉरिडोर में हथियार तैयार करने के लिए इजरायल की ही कंपनी एल्बिट सिस्टम से कैरोबैलिस्टा सिस्टम लिमिटेड का समझौता हुआ है. कानपुर के साढ़ स्थित डिफेंस कॉरिडोर में सितंबर माह से ही प्लांट लगाने की तैयारी शुरू हो गई थी. कई संयंत्र आ चुके थे.अक्तूबर तक प्लांट स्थापित हो जाना था और नवंबर से उत्पादन शुरू हो जाना था. तोपों की सीरीज समेत 41 तरह के हथियार के अलावा मानव रहित टोही विमान भी तैयार किए जाने थे. इजरायल और हमास के बीच युद्ध से अगले संयंत्रों की खेप फिलहाल रुक गई है. कैरोबैलिस्टा सिस्टम लिमिटेड युद्ध खत्म का इंतजार कर रही है.


बढ़ जाएगी हथियारों की डिमांड

भले ही कुछ समय के लिए यहां उत्पादन टल जाए मगर इजरायल-हमास युद्ध से हथियारों की डिमांड बढ़ जाएगी. पहले से ही हथियारों के निर्माण के ऑर्डर हो चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि युद्ध में सैन्य हथियारों के साथ ही कारतूसों की और जरूरत पड़ेगी. इसलिए अगले कुछ दिनों में दोबारा से उत्पादन शुरू करने की तैयारी भी हो सकती है. हथियारों के निर्माण में यहां इजरायल की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होना है, जो एल्बिट सिस्टम के जरिए मुहैया होगा. कैरोबैलिस्टा ने उद्योग विभाग को समझौते के तहत उत्पादन का जो विवरण भेजा था उसमें नवंबर से निर्माण होना था. लेकिन, सूत्र कहते हैं कि दिसंबर से उत्पादन संभव है. वहीं, अडाणी ग्रुप के प्रवक्ता के मुताबिक उत्पादन के पहले ही हथियारों के ऑर्डर हो गए थे. हमारी कंपनी लगातार स्थितियों पर नजर रखे हुए है. उत्पादन कब से शुरू होगा इसकी अधिकृत जानकारी जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी.

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कॉरिडोर में इनका होता है उत्पादन 

● 12.7 एमएम कैलिबर श्रेणी की बंदूक प्रणाणियों से होनी है शुरुआत

● 200 एमएम कैलिबर श्रेणी तक पहुंचेगी गन सिस्टम उत्पादन रेंज

● 10 तरह की अत्याधुनिक पिस्टल बनेंगी जिनकी क्षमता 500 मीटर

● 13 तरह की रायफल और पिस्टल बननी हैं जिसमें मसाडा भी शामिल

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