दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पहलवान सुशील कुमार को उनकी पत्नी की सर्जरी के आधार पर दी गयी अंतरिम जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली दो याचिकाओं पर जवाब और चिकित्सा दस्तावेज दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया. सुशील कुमार, सागर धनखड़ हत्याकांड के 18 आरोपियों में से एक हैं. समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने सुशील कुमार के वकील को दो सप्ताह का समय दिया. मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी.
अधिवक्ता सुमित शौकीन सुशील कुमार की ओर से पेश हुए और उन्होंने कुछ चिकित्सा दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय मांगा, जो सुशील कुमार की पत्नी की चिकित्सा स्थिति को दर्शायेंगे. इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कुमार की अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग वाली दो याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था. सागर धनखड़ के पिता अशोक धनखड़ द्वारा अधिवक्ता समीर कुमार के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि सुशील कुमार को अंतरिम जमानत देते समय निचली अदालत पीड़ितों और गवाहों के लिए खतरे के पहलू की सराहना करने में विफल रही.
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पहलवान सुशील कुमार को उनकी पत्नी की सर्जरी के लिए 4 नवंबर को यह अंतरिम जमानत दी गयी थी, जो पीठ के निचले हिस्से में दर्द से पीड़ित हैं. उसकी सर्जरी सात नवंबर को होनी थी. अदालत ने उनकी निगरानी और सुरक्षा के लिए दो सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने का निर्देश दिया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद ने सुशील कुमार को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत पर 12 नवंबर तक अंतरिम जमानत दी थी. कोर्ट ने जमानत देते समय कई सख्त शर्तें लगायी थीं.
अदालत ने कहा कि आरोपी की पत्नी की चिकित्सा स्थिति को ध्यान में रखते हुए और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि दो नाबालिग बच्चे हैं, न्यायालय का विचार है कि आवेदक/ आरोपी की उपस्थिति की आवश्यकता होगी. उसे आदेश दिया जाता है इतनी ही राशि के दो जमानतदारों के साथ एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर 12.11.2022 तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया जायेगा. अदालत ने उसके बाद संबंधित जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था. उनकी अंतरिम जमानत अवधि 13 नवंबर, 2022 को समाप्त हो रही है.