Delhi Liquor Scam Case क्या है? जानिए कैसे आप सरकार के मंत्री हुए एक-एक कर गिरफ्तार
Delhi Liquor Scam Case में ED ने 21 मार्च को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. आइए जानते हैं इससे पहले इस मामले में अब क्या कार्रवाई हुई.
Delhi Liquor Scam Case में ED ने 21 मार्च को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. आइए जानते हैं इससे पहले इस मामले में अब क्या कार्रवाई हुई. बता दें कि 2023 में सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया था.
दिल्ली शराब घोटाले के बारे में जानिए अहम बातें
दिल्ली शराब घोटाले की जांच 2021 में पेश की गई दिल्ली शराब बिक्री नीति से संबंधित है. मनीष सिसोदिया दिल्ली के आबकारी विभाग के प्रमुख थे. हालांकि बवाल होने के बाद दिल्ली की ये विवादित शराब बिक्री नीति वापस ले ली गई थी. इस शराब नीति के तहत, अधिकांश राज्यों में मानदंडों से हटकर सरकार का शराब बेचने से कोई लेना-देना नहीं था और केवल निजी दुकानों को ही ऐसा करने की अनुमति थी. इसका मुख्य उद्देश्य कालाबाजारी को रोकना और राजस्व में वृद्धि करने के साथ ही उपभोक्ताओं के अनुभव में सुधार करना था. इसमें शराब की होम डिलीवरी और दुकानों को देर तक खुली रखने की भी अनुमति थी. लाइसेंसधारी असीमित छूट भी दे सकते थे. सरकार ने नीति के जरिए आय में 27 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि की सूचना दी थी, जिससे लगभग 8,900 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. बाद में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को इसकी जांच सौंपी गई थी.
सिसोदिया पर क्या हैं आरोप
दिल्ली के शीर्ष नौकरशाह की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मनीष सिसोदिया पर नियमों के साथ समझौता करने और शराब के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ प्रदान करने का आरोप लगा था. तब दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीबीआई (CBI) जांच की सिफारिश की थी. इसके कुछ ही समय बाद मनीष सिसोदिया ने कहा था कि नीति रद्द हो रही है, क्योंकि बीजेपी विक्रेताओं को डराने के लिए अपने नियंत्रण वाली जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है. उन्होंने एलजी वीके सक्सेना के पूर्ववर्ती अनिल बैजल को अंतिम-मिनट के परिवर्तन के लिए भी दोषी ठहराया था. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तभी केंद्रीय जांच एजेंसी के राडार पर आए थे. 2022 में सीबीआई ने उनके घर सहित 31 स्थानों पर छापेमारी की थी.
केजरीवाल ने कहा था, शराब घोटाले जैसी कोई चीज नहीं
बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली शराब घोटाले की जांच शुरू की. दावा किया गया कि एक शराब लॉबी ने गोवा चुनाव अभियान के लिए आम आदमी पार्टी को रिश्वत में कम से कम 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इसके बाद, ईडी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को फंसाने और बीजेपी के एक अन्य तीखे आलोचक के रूप में जांच का दायरा बढ़ाया और उनके पूर्व लेखाकार को गिरफ्तार किया. इसने दावा किया कि नीति से सरकार को 2,800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वहीं, आप ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जांच राजनीतिक हिसाब बराबर करने की बीजेपी की कोशिश है. इसके साथ ही पार्टी ने यह भी सुनिश्चित किया था कि वह जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करेगी. AAP के प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि शराब घोटाले जैसी कोई चीज नहीं है. हमने देश में सबसे अच्छी और सबसे पारदर्शी नीति बनाई है.