पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दिल्ली हिंसा को बताया ‘सरकार प्रायोजित जनसंहार’
दिल्ली हिंसा पर ममता बनर्जी के बयान को माकपा ने नाटक बताया, तो भाजपा ने याद दिलायी ‘राष्ट्र विरोधी’ नारे लगाने वालों पर कार्रवाई में विफलता
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा ‘सरकार प्रायोजित जनसंहार’ था. उन्होंने कहा कि भाजपा देशभर में ‘दंगों का गुजरात मॉडल’ दोहराने की कोशिश कर रही है.
तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि अमित शाह को याद रखना चाहिए कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के कारण दिल्ली में हिंसा हुई, जिसमें ‘इतने सारे लोग मारे गये’. बनर्जी ने उन लोगों की भी आलोचना की, जिन्होंने कोलकाता में रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली में जाते हुए ‘गोली मारो…’ के विवादित नारे लगाये थे.
तृणमूल अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं दिल्ली में निर्दोष लोगों की हत्या से अत्यंत दुखी हूं. मेरे विचार से यह योजनाबद्ध तरीके से किया गया जनसंहार था. मैं इसे जनससंहार इसलिए कह रही हूं, क्योंकि यह हिंसा सरकार द्वारा प्रायोजित थी, जिसे बाद में दंगों के रूप में प्रचारित किया गया. दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन है.’
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ, सीआइएसएफ सभी मौजूद थे, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया. बनर्जी ने शाह की उस टिप्पणी का भी जवाब दिया, जिसमें गृह मंत्री ने पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था पर आक्रोश प्रकट किया था. उन्होंने कहा कि दूसरों को भाषण देने से पहले दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर भाजपा को माफी मांगनी चाहिए.
बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भाजपा ने इसके लिए माफी क्यों नहीं मांगी? फिर वे बेशर्मी से यहां आकर कहते हैं कि वे पश्चिम बंगाल पर कब्जा कर लेंगे. भाजपा पश्चिम बंगाल समेत देशभर में गुजरात के दंगों का मॉडल दोहराना चाहती है. गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों के बाद उन्होंने यही काम उत्तर प्रदेश में किया और अब दिल्ली में कर रहे हैं.’
ममता पर बाबुल सुप्रियो का पलटवार
ममता बनर्जी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो ने कहा, ‘उन्हें जनसंहार का अर्थ नहीं मालूम है और उन्हें ऐसी बातें करने से पहले सोचना चाहिए.’ सुप्रियो ने कहा कि दिल्ली में शांति लौट आयी है और ममता दी को भड़काऊ टिप्पणी करने से बचना चाहिए. सुप्रियो ने कहा कि यदि ममता के पास कोई सुझाव है, तो उन्हें अमित शाह से मिलना चाहिए.
माकपा बोली : नाटक कर रहीं ममता
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने बनर्जी के बयानों को ‘नाटक’ करार दिया और कहा कि उनकी (ममता) पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी थी, जब भड़काऊ नारे लगाये जा रहे थे. पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ‘राष्ट्र विरोधी’ नारे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार असफल रही है.