Gorakhpur: गोरखपुर जिले में डेंगू अपना कहर बरपा रहा है. डेंगू के संक्रमण तेजी से बढ़ रहे हैं. जिले में 6 वर्षीय बच्ची समेत 4 नए रोगी मिले हैं. जिससे डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है. पांच गंभीर डेंगू के मरीज को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. जिससे जिला अस्पताल में भर्ती रोगियों की संख्या 10 हो गई है. शुक्रवार को 6 वर्षीय बच्ची समेत बुखार के चार नए रोगियों में डेंगू की पुष्टि हुई है. जिले में जिन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है, उनमें 14 शहर के और 19 ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले है.
जिन चार नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. उनमें शहर क्षेत्र के रानीबाग का 17 वर्षीय किशोर, पादरी बाजार निवासी 30 वर्षीय युवक समेत ग्रामीण क्षेत्र के सरदार नगर की 6 वर्षीय बच्ची व डेरवा के भंवरिया की 40 वर्षीय महिला शामिल है. इन सभी की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि समय से डेंगू की पहचान हो जाने पर रोगियों को भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. वह अपने घर पर रह कर के इलाज कर ठीक हो जाते हैं.
उन्होंने बताया कि अगर तेज सिर दर्द के साथ बुखार आंखों के पीछे तेज दर्द हो मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द हो तो यह लोग तत्काल चिकित्सकों से संपर्क करें या तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर जांच कराएं. जिला मैनेजर नियंत्रण अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए 20 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. वापस पर 104 बेड की सुविधा वाले इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर व मिनी पीकू भी उपलब्ध है. जहां पर हाई ग्रेड फीवर के मरीजों का इलाज होता है.
मेडिकल विभाग के विशेषज्ञों की माने तो डेंगू की पुष्टि हो जाने के बाद मरीज को घबराना नहीं चाहिए. इसका उपचार करना चाहिए. उन लोगों की माने तो डेंगू के प्रारंभिक लक्षण नजर आए तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से जांच कर पुष्टि करें की डेंगू है या नहीं. अगर डेंगू की पुष्टि होती है तो उसका उपचार शुरू करा दें. यह रोग आसानी से ठीक हो जाता है.
उन्होंने बताया कि शरीर में चकत्ते आना, नाक, मुंह व मसूड़े से खून आना, डेंगू के खतरनाक लक्षण है. अगर किसी व्यक्ति में या लक्षण दिखाई देते हैं तो तत्काल स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और इसका इलाज कराएं. उन्होंने बताया कि हर डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती है. बहुत जरूरत पड़ने पर ही प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है. जिला अस्पताल में प्लेटलेट्स की सुविधा भी उपलब्ध है.
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घर से बाहर निकलते समय फूल बांह के कपड़े पहने.
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सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
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घरों पर छत के ऊपर या घर के बाहर बर्तन, कूलर, टायर आदि सामानों व कबाड़ में पानी इकट्ठा न होने दे.
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घर में कहीं भी पानी न जमा होनें दे.
गोरखपुर शहर के पास इलाका दिलेजाकपुर मैं संदिग्ध डेंगू रोगी महिला की मौत होने के बाद मलेरिया विभाग की टीम में वहां का दौरा किया और एंटीलार्वल का छिड़काव करवाया. इसके अलावा टीम में मोहल्ले की घरों की जांच की जहां पर छह घरों में कंटेनर टूटे-फूटे बर्तनों में जमा पानी में मच्छरों के लारवा मिले हैं. उन लोगों को विभाग ने नोटिस जारी कर सफाई पर विशेष ध्यान देने की चेतावनी दी है. और उनसे कहां है कि दोबारा उनके घर के बाहर पानी जमा नहीं मिलना चाहिए नहीं तो उन पर कार्रवाई होगी.
जिला मलेरिया विभाग की टीम ने 1265 स्थानो पर एंटीलार्वल का छिड़काव करवाया है. मलेरिया नियंत्रण अधिकारी की माने तो जिले में अभी तक 4312 लोगों का रैपिड जांच हो चुका है. इनमें 549 लोगों की एलाइजा जांच भी कराई जा चुकी है.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर