पश्चिम बंगाल में डेंगू का खौफ बढ़ता जा रहा है. राज्य स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी केअनुसार, पिछले सात दिनों में 10,000 से ज्यादा लोग डेंगू से पीड़ित हुए हैं. इस साल मरीजों की संख्या बढ़कर पचास हजार के पार पहुंच गयी है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक 56 हजार 707 लोग डेंगू पॉजिटिव मिले हैं. हालांकि, डेंगू से मरने वाले लोगों की संख्या की जानकारी राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं दी जा रही है. सूत्रों के अनुसार, डेंगू से अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है.
पिछले सप्ताह राज्य में लगातार हुई बारिश ने डेंगू के खतरे को बढ़ा दिया है. स्वास्थ्य विभाग को चिंता सता रहा है कि, अगर पिछले हफ्ते हुई बारिश से जमा हुए पानी को समय रहते साफ नहीं किया गया तो पूजा से पहले डेंगू और गंभीर रूप ले सकता है. राज्य में डेंगू नियंत्रण के लिए अगले दो सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं. जिलों के साथ ही कोलकाता में भी संक्रमित लोगों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है.
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सूत्रों के अनुसार, राज्य में सबसे खराब स्थिति उत्तर 24 परगना की है. जिले में करीब 11 हजार 244 लोग संक्रमित हो चुके हैं. दूसरे स्थान पर कोलकाता है. राज्य प्रशासन के अनुसार, अब तक 6070 लोग डेंगू प्रभावित हुए हैं. मुर्शिदाबाद तीसरे स्थान पर है. इस जिले में अब तक 5 हजार 791 लोग डेंगू से संक्रमित हो चुके हैं. इसके अलावा डेंगू हुगली, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, मालदह जिले में भी तेजी से बढ़ रहा है. हुगली में 4 हजार 222, दक्षिण 24 परगना में 2 हजार 357, हावड़ा में 2 हजार 171, मालदा में 1 हजार 626 लोग डेंगू पॉजिटिव हुए हैं. वहीं शहरी इलाकों में करीब 13 हजार 902 लोग, गांवों में करीब 26 हजार 336 लोग डेंगू से पीड़ित हुए हैं.
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राज्य में डेंगू-मलेरिया को प्रकोप जारी है. डेंगू की वजह से सबसे अधिक प्रकोप फैला हुआ है. राज्य में 50 हजार से अधिक लोग डेंगू के शिकार हो चुके हैं. आये दिन इस मच्छर जनित बीमारियों की वजह से लोगों की मौत हो रही है. ऐसे में राज्य सचिवालच नबान्न सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम 128 नगरपालिकाओं के साथ चर्चा करेंगे. डेंगू-मलेरिया को लेकर मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी सभी विभागों और जिला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करनेवाले हैं. नबान्न और स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य प्रशासन अगले कुछ दिनों के भीतर पूजा के दौरान मलेरिया-डेंगू के प्रकोप को कम करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर सकता है.
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दरअसल, सरकार मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ सालों भर अभियान चलाना चाहती है. लेकिन, कोलकाता नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि यह बीमारी कुछ लोगों की लापरवाही के कारण जानलेवा बन रहा है और तेजी से फैल रहा है. वहीं डेंगू-मलेरिया से निबटने में सरकारी खामियों की वजह से परेशानी आ रही है. इन कमियों को तुरंत दुरुस्त किये जाने के लिए मंगलवार और बुधवार को बैठकें बुलायी गयी हैं. ज्ञात हो कि नगर निकाय क्षेत्र में डेंगू-मलेरिया से निपटने के लिए 17 हजार 53 टीमों का गठन किया गया है. जो शहरी क्षेत्रों में घर-घर बुखार से पीड़ित लोगों पर नजर रख रही हैं. तीन हजार 751 पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये हैं. कंप्यूटर में डेटा रिकॉर्ड करने के लिए 858 लोगों को नियुक्त किया गया है. 128 बाढ़ क्षेत्रों में छह हजार 916 नये वेक्टर नियंत्रण दल गठित किये गये हैं. इनमें 20 हजार 784 वेक्टर नियंत्रण कर्मी और दो हजार 782 पर्यवेक्षक हैं.
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को अपने आवास पर कैबिनेट की बैठक करेंगी. इस बैठक में भी डेंगू-मलेरिया की स्थिति पर चर्चा होने की उम्मीद है.