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देवरिया में दो लड़कियां 2 साल रहीं लिव-इन में, फिर मंदिर में रचाई शादी, यहां जानें कैसे दोस्ती बदली प्यार में

देवरिया में दो लड़कियों ने समलैंगिक शादी की. दोनों दो वर्षों से पति-पत्नी की तरह रहती थी. दोनों ने पहले स्टांप पेपर पर शपथ पत्र बनवाया. फिर मंदिर में एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर मांग में सिंदूर भरी. मन्दिर में पण्डित ने रीति-रिवाज से दोनों की शादी करायी. यहां जानें कैसे दोस्ती बदला प्यार में.

By Sandeep kumar | January 9, 2024 4:00 PM

देवरिया में समलैंगिक युवतियों की शादी का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. इस शादी का तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना की रहने वाली दो युवतियां यहां ऑर्केस्ट्रा में बतौर डांसर के रूप में काम करती हैं. दोनों युवतियां दो साल से एक दूसरे के साथ पति-पत्नी की तरह लिव इन रिलेशनशिप में रह रहीं थी. दोनों ने शादी के लिए पहले बाकायदा नोटरी शपथ-पत्र बनवाया. इसके बाद मझौलीराज के भगड़ा भवानी मंदिर में सोमवार को दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई और साथ जीने मरने की कसमें खाईं. दरअसल, लार थाना क्षेत्र के मठ वार्ड के भेड़ियार टोला के रहने वाले मुन्ना पाल लार ब्लॉक के चनुकी बाजार में आर्केस्ट्रा चलते हैं. उनके आर्केस्ट्रा में वेस्ट बंगाल प्रांत के ककदीप रिफ्यूजी कालोनी अक्षय नगर दक्षिण 24 परगना और विशाल लक्ष्मीपुर साउथ 24 परगना की रहने वाली दो युवतियां करीब तीन वर्ष से डांस करती हैं. दो वर्ष पहले एक साथ आर्केस्ट्रा में नृत्य करने के दौरान दोनों में गहरी दोस्ती हो गई और साथ रहने लगीं. युवतियों की दोस्ती कब प्यार में बदल गई, किसी को भनक तक नहीं लगी और दोनों ने समलैंगिक विवाह का निर्णय लिया.

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नोटरी शपथ-पत्र बनवाया फिर की मंदिर में शादी

जानकारी के मुताबिक 30 दिसंबर को आर्केस्ट्रा संचालक और उसके कुछ साथी मझौली राज के दीर्घेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे और दोनों युवतियों का शादी करने की बात कहीं, लेकिन मंदिर के महंत जगरनाथ महराज ने उच्च अधिकारियों की अनुमति न होने का हवाला देते हुए वहां से लौटा दिया. उसके बाद मायूस होकर सभी लोग वापस लौट गए और भाटपाररानी तहसील जाकर दोनों ने शादी के लिए स्टांप पेपर पर नोटरी शपथ पत्र बनवाया. उसके बाद शादी करने के लिए सोमवार की सुबह आर्केस्ट्रा संचालक के साथ दोनों युवतियां मझौली राज के भगड़ा भवानी मंदिर पहुंचीं, जहां मां दुर्गा को साक्षी मानते हुए एक दूसरे को शादी के बंधन में बंध गए. मंदिर में शादी के दौरान एक युवती वर के ड्रेस यानी शेरवानी और सर पर टोपी तो वही दूसरी युवती शादी के जोड़ा यानी साड़ी में थी. एक युवती ने दूसरी युवती के मांग में सिंदूर भरी. यह देख वहां काफी भीड़ भी इकट्ठा हो गई, जिसके बाद मौजूद लोगों ने चर्चाएं शुरू कर दी. शादी के बाद युवतियां ने बताया कि एक साथ रहते रहते हम दोनों को प्यार हो गया और हम दोनों पति पत्नी के रूप में रहने का इरादा बना लिया. बहुत सारी समस्याएं सामने आईं, लेकिन हम दोनों ने अपने किए वादे पर अड़े रहे और आज हम दोनों एक दूसरे के साथ शादी कर लिया.

उन्हें किसी की परवाह नहीं-  दोनों युवतियां

वहीं दोनों युवतियों ने आगे कहा कि वे बहुत दिनों से एक दूसरे से विवाह करना चाहती थीं. इसके लिए भाटपाररानी तहसील से बाकायदा नोटरी शपथ पत्र भी बनावाया. उसमें स्पष्ट रूप से लिखा कि वे अपनी मर्जी से एक-दूसरे से शादी कर रही हैं. इसमें किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. कुछ दिन पहले शादी करने के लिए दीर्घेश्वरनाथ मंदिर में भी गई थीं. वहां पुजारी ने कहा कि डीएम से अनुमति पर यहां शादी होगी. इसके बाद दोनों ने भगड़ा-भवानी माता मंदिर में शादी करने का फैसला किया. युवतियों का कहना है कि उन्हें किसी की परवाह नहीं. अगर किसी को इससे परेशानी है तो उन्हें जिंदगी के ही बंधन से मुक्त कर दिया जाए.

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