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Jharkhand News: गोविंदपुर व पूर्वी टुंडी के 15 मौजों की जमीन की खरीद-बिक्री पर लगी रोक हटी, विभाग ने मानी गलती

भू अर्जन कार्यालय ने अपनी लिपिकीय भूल सुधार करते हुए गोविंदपुर-साहिबगंज रोड चौड़ीकरण को लेकर गोविंदपुर व पूर्वी टुंडी अंचल की जिन 15 मौजा की जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक हटा ली है.

गोविंदपुर. पांच माह बाद जिला भू अर्जन कार्यालय ने अपनी लिपिकीय भूल सुधार करते हुए गोविंदपुर-साहिबगंज रोड चौड़ीकरण को लेकर गोविंदपुर व पूर्वी टुंडी अंचल की जिन 15 मौजा की जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक हटा ली है. एक अक्टूबर 2022 से उक्त मौजा की जमीन की खरीद बिक्री पर रोक लगी थी. इस कारण पांच माह से लोग अपनी जमीन खरीद-बिक्री नहीं कर पा रहे थे. अब उक्त मौजों में केवल सड़क चौड़ीकरण में आने वाले चिह्नित प्लॉटों की खरीद-बिक्री पर ही रोक रहेगी. जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सतीश चंद्रा ने इस संबंध में जिला अवर निबंधक धनबाद एवं अवर निबंधक गोविंदपुर को इस आशय का पत्र भेजा है.

विभाग ने मानी अपनी गलती

पत्र में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने कहा है कि सड़क चौड़ीकरण परियोजना अंतर्गत गोविंदपुर अंचल व पूर्वी टुंडी अंचल के विभिन्न योजनाओं में प्रभावित प्लॉट की अर्जनाधीन भूमि पर केवल निबंधन संबंधित रोक लगाने के लिए पत्र भेजा गया था. परंतु लिपिकीय व टंकनीय भूलवश संपूर्ण मौजा पर रोक अंकित हो गया था. जैसा कि मालूम हो कि गोविंदपुर- साहिबगंज रोड राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 419 के 47.600 से 62.949 किमी तक में फिलहाल सड़क चौड़ीकरण होना है.

खबर का दिखा असर

गोविंदपुर अंचल के खरनी, कुमारडीह, कुसमाटांड़, लाहरडीह, पाथुरिया एवं पूर्वी टुंडी के बरवाटाड,भूतगड़िया, फतेहपुर ,हलकट्टा ,कांशीटाड, लटानी, शंकरडीह, एवं बालरडीह मौजा में जमीन अधिग्रहण होना है. जिला भू अर्जन पदाधिकारी के कार्यालय से पूर्व में निर्गत पत्रांक 1025 दिनांक एक अक्टूबर 2022 से संबंधित पत्र जारी होने के बाद उक्त सभी मौजा के जमीन पर खरीद -बिक्री पर रोक लग गयी थी. संबंधित प्लॉट वार जमीन की खरीद- बिक्री पर रोक लगने के बजाय उक्त सभी मौजा के जमीन खरीद बिक्री पर रोक लग गयी थी. समय-समय पर लोग प्लॉट चिह्नित कर मौजावार लगी रोक को हटाने मांग भी कर रहे थे. प्रभात खबर ने इस संबंध में अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में खबर भी प्रकाशित किया था.

सरकार को हुआ करोड़ों के राजस्व का नुकसान

जिला भू अर्जन कार्यालय के लिपिक एवं टंकनीय भूल के कारण जहां लोग परेशान रहे, वहीं सरकार को भी करोड़ों के राजस्व की क्षति हुई है. जानकारी के अनुसार धनबाद एवं गोविंदपुर रजिस्ट्री कार्यालय में उक्त मौजों का 20 केवाला बनता थे. पावर ऑफ अटॉर्नी का काम भी होता था. अंततः पांच माह बाद जिला भू अर्जन कार्यालय को अपनी भूल का पता चला और उन्होंने भूल सुधार करते हुए आदेश निर्गत किया.

किसी की बेटी की शादी रुक गयी थी तो किसी का इलाज

जिला भू अर्जन कार्यालय की गलती का खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ा. अक्सर लोगों को अपनी बेटी की शादी और अपनों का इलाज कराने के लिए पैसाें की जरूरत पड़ती है. इन परिस्थितियों में कई बार लोग अपनी जमीन ही बेचते हैं. इन मौजों में जमीन की खरीद बिक्री पर रोक की वजह से किसी की बेटी की शादी रूक गयी थी, तो किसी का इलाज.

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