26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुंदरवन में पहली बार बीएसएफ की महिला जवानों की तैनाती, मिली फ्लोटिंग बीओपी की कमान

पश्चिम बंगाल में सेना व सुरक्षा बलों में अपनी दमदार मौजूदगी को लगातार दर्ज कराती महिला जवान अब सुंदरवन के दुर्गम इलाकों में भी मोर्चा संभाल रही हैं.महिला सशक्तीकरण की प्रतीक महिला प्रहरियों पर बीएसएफ को पूरा भरोसा है कि वे अपने दायित्व का बखूबी निर्वाह करेंगी.

पश्चिम बंगाल में सेना व सुरक्षा बलों में अपनी दमदार मौजूदगी को लगातार दर्ज कराती महिला जवान अब सुंदरवन के दुर्गम इलाकों में भी मोर्चा संभाल रही हैं. पहली बार इनकी तैनाती पश्चिम बंगाल के दुर्गम सुंदरवन इलाके में बांग्लादेश के साथ लगती काफी बड़ी और लंबी जलीय सीमा पर की गयी है. बीएसएफ (BSF) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने पहली बार सुंदरवन के इस दलदली, मैनग्रोव वाले और चारों तरफ विशाल घने जंगलों एवं नदियों से घिरे दुर्गम इलाके से गुजरने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए महिला जवान तैनात रहेंगी.

Also Read: शांखा पोला पहन कर TeT की परीक्षा देने पहुंची विवाहिता को सेंटर में जाने से रोका, मामला हाईकोर्ट पहुंचा
महिला सशक्तीकरण की प्रतीक महिला प्रहरियों पर बीएसएफ का भरोसा

महिला सशक्तीकरण की प्रतीक महिला प्रहरियों पर बीएसएफ को पूरा भरोसा है कि वे अपने दायित्व का बखूबी निर्वाह करेंगी. बीएसएफ की माने तो इस क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने के लिए कुछ माह पहले तैनात किये गये बीएसएफ के छह नए फ्लोटिंग बीओपी (पानी में तैरते सीमा चौकी) में से एक बीओपी गंगा से सुरक्षा की जिम्मेदारी अब पूरी तरह महिला जवानों के कंधों पर सौंपी गयी है. लिहाजा इस बीओपी से सीमा सुरक्षा का मोर्चा अब महिलाओं ने संभाला है और वह लड़ाकू भूमिका में स्वतंत्र रूप से नजर आयेंगी. दो दिन पहले एक कार्यक्रम में महिलाओं को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

बीएसएफ के इतिहास में पहली बार महिलाओं को मिली फ्लोटिंग बीओपी की कमान

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी अमरीश कुमार आर्य के अनुसार, बीएसएफ के इतिहास में यह पहली बार है जब सुंदरवन जैसे कठिन क्षेत्र में एक फ्लोटिंग बीओपी के संचालन एवं सीमा पेट्रोलिंग के लिए महिला जवानों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि फिलहाल महिला जवानों के एक प्लाटून (टुकड़ी) को यहां तैनात किया गया है, जिसमें 15 से 20 जवान होते हैं. आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिले में भारत और बांग्लादेश की सीमा के बीच सैकड़ों किलोमीटर में फैले सुंदरवन क्षेत्र की सुरक्षा बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य है.

Also Read: West Bengal : अब शोभनदेव के बयान से तृणमूल की बढ़ीं मुश्किलें
सुंदरवन क्षेत्र की सुरक्षा बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य 

इस क्षेत्र से मवेशियों व मादक पदार्थों की तस्करी एवं घुसपैठ सबसे बड़ी समस्या रही है. घने जंगल और चारों ओर पानी से घिरे इस इलाके में स्थायी चौकी की बजाय बड़े जहाज को फ्लोटिंग बीओपी में तब्दील कर इस क्षेत्र में बीएसएफ चौबीसों घंटे निगरानी करती है. इस इलाके में रायमंगल और इच्छामती जैसे कई नदियों के बीच से दोनों देशों की सीमा गुजरती है, ऐसे में इन इलाकों में ड्यूटी करना बहुत कठिन होता है.

Also Read: बंगाल : कैफे साइकिल से जाना अभिनेत्री को पड़ा भारी, लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें