गिरिडीह प्लस टू हाइस्कूल से 7 शिक्षक समेत 9 कर्मियों का प्रतिनियोजन, शैक्षणिक वातावरण में बाधक बने थे शिक्षक
कुल नौ कर्मियों को अन्यत्र प्रतिनियोजन किये जाने संबंधी आदेश में डीइओ ने निर्देश दिया है कि सभी लोग पत्र निर्गत की तिथि से तीन दिनों के अंदर प्रतिनियोजित स्कूल में योगदान देना सुनिश्चित करेंगे.
प्रतिनिधि, गिरिडीह : शिक्षकों के बीच समन्वय एवं अनुशासन की कमी को देखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सात शिक्षक समेत नौ कर्मियों को गिरिडीह प्लस टू हाइस्कूल से हटा दिया है. अन्यत्र प्रतिनियोजन को लेकर आदेश जारी करते हुए सभी को तीन दिनों के अंदर योगदान देने का निर्देश दिया गया है. मालूम रहे कि गिरिडीह प्लस टू हाइस्कूल पिछले कई वर्षों से राजनीतिक अखाड़ा बना हुआ था. कई शिक्षक शैक्षणिक वातावरण तैयार करने में बाधक बने हुए थे. कई शिक्षक तो 10-10 वर्षों से इसी विद्यालय में पदस्थापित थे, जबकि कई शिक्षक अनुशासन बनाये रखने में भी दिलचस्पी नहीं लेते थे. यहां तक की स्कूल के प्रभारी प्राचार्य का निर्देश और सुझाव को भी मानने से इनकार कर देते थे. काफी दिनों से इस बात की शिकायत गिरिडीह के उपायुक्त को मिल रही थी. स्कूल में शैक्षणिक माहौल तैयार करने के उद्देश्य से उपायुक्त के निर्देश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सात शिक्षक और दो अनुसेवक को स्कूल से हटाते हुए दूसरे स्कूल में प्रतिनियोजित कर दिया है. आदेश में कहा गया है कि सभी को प्रशासनिक दृष्टिकोण से दूसरे स्कूलों में प्रतिनियोजित किया जा रहा है.
कहां-कहां की गयी पदस्थापना
स्कूल में पदस्थापित वाणिज्य शिक्षक दयानंद कुमार को गांडेय प्लस टू उच्च विद्यालय, भूगोल शिक्षक शीतल कच्छप को गिरिडीह कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, हिंदी शिक्षिका निर्मल कुमारी को गिरिडीह प्लस टू जिला स्कूल, गणित व भौतिकी शिक्षक विवेक कुमार को बेंगाबाद के छोटकी खरगडीहा उत्क्रमित उच्च विद्यालय, जीव विज्ञान और रसायन शास्त्र शिक्षक ममता कुमारी को गिरिडीह के महेशलुंडी उत्क्रमित उच्च विद्यालय, अंग्रेजी शिक्षक बबीता कुमारी को महेशलुंडी उत्क्रमित उच्च विद्यालय, हिंदी शिक्षिका लक्ष्मी कुमारी को महेशलुंडी उत्क्रमित उच्च विद्यालय, अनुसेवक बेरोनिका हांसदा को बेंगाबाद प्लस टू उच्च विद्यालय और अनुसेवक सुमन देवी को बनियाडीह कोलियरी प्लस टू उच्च विद्यालय में प्रतिनियोजित किया गया हैं.
तीन शिक्षकों ने विरमित पत्र लेने से किया इनकार
कुल नौ कर्मियों को अन्यत्र प्रतिनियोजन किये जाने संबंधी आदेश में डीइओ ने निर्देश दिया है कि सभी लोग पत्र निर्गत की तिथि से तीन दिनों के अंदर प्रतिनियोजित स्कूल में योगदान देना सुनिश्चित करेंगे. इस आदेश के बाद सभी सात शिक्षकों और दो अनुसेवकों का विरमित पत्र तैयार किया गया. लेकिन, इनमें से तीन शिक्षकों ने विरमित पत्र लेने से इनकार कर दिया हैं. प्रभारी प्राचार्य मनोज रजक ने बताया कि पीजीटी के शिक्षक दयानंद कुमार, शीतल कच्छप और निर्मल कुमारी ने पत्र लेने से इनकार कर दिया हैं और कहा है कि डीइओ उनके नियंत्री पदाधिकारी नहीं हैं. मालूम रहे कि डीइओ नीलम आइलीन टोप्पो ने स्कूल का निरीक्षण भी किया था. इस दौरान छात्र-छात्राओं की उपस्थिति देखकर वे दंग रह गयी थी. जांच के क्रम में उन्हें जानकारी मिली कि कई शिक्षक खुलेआम मनमानी करते हैं और शैक्षणिक माहौल को खराब कर रखा है. इसकी जानकारी उन्होंने डीसी नमन प्रियेश लकड़ा को दी थी.
पुन: अनुशासनहीनता बरतने वाले शिक्षकों को होगा शो कॉज
जिला शिक्षा पदाधिकारी का प्रतिनियोजन आदेश जारी होने के बाद एक बार फिर से कई शिक्षकों ने राजनीति शुरू कर दी हैं. जहां स्कूल के तीन शिक्षकों ने विरमित पत्र लेने से इनकार कर दिया हैं, वहीं गिरिडीह प्लस टू हाइस्कूल के छात्रों को बहला-फुसलाकर समाहरणालय में प्रदर्शन के लिए स्कूल के समय अवधि में ही ले जाया गया. इन शिक्षकों ने बच्चों को मोहरा बनाकर प्रतिनियोजन आदेश वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था. छात्र लगभग साढ़े ग्यारह बजे समाहरणालय पहुंचे थे. डीइओ की अनुपस्थिति में छात्रों ने डीएसई से बात की. इधर डीइओ नीलम आईलीन टोप्पो ने बताया कि अनुशासनहीनता के कारण ही शिक्षकों को अन्यत्र प्रतिनियोजन किया गया है और पुन: शिक्षकों ने स्कूल के समय बच्चों को समाहरणालय लाकर प्रदर्शन करवाया. यह भी अनुशासनहीनता का मामला बनता है. इस मामले को लेकर भी संबंधित शिक्षकों को शो कॉज किया जायेगा और कार्रवाई के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखा जायेगा.
Also Read: गिरिडीह : मॉर्निंग वॉक के दौरान गायब हुआ चौकीदार, शराब माफियाओं पर अपहरण करने की आशंका