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कानपुर देहात: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले- जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनी, नहीं बख्शेंगे जाएंगे दोषी अफसर..

कानपुर देहात: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि चाहे कितना वरिष्ठ अफसर या कोई और हो, जिन लोगों ने इस प्रकार की घटना को अंजाम देने का प्रयास किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. निर्बल व्यक्ति के खिलाफ यदि कोई अधिकारी अत्याचार करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Kanpur Dehat: प्रदेश के कानपुर देहात में जमीन से कब्जा हटाने के दौरान मां बेटी की जिंदा जलकर मौत के बाद विपक्ष योगी आदित्यनाथ सरकार चौतरफा दबाव बनाने में जुटा है. समाजवादी पार्टी कांग्रेस, आम आदमी पार्टी ने जहां सरकार को कटघरे में खड़ा किया है, वहीं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि घटना के दोषी अफसर बख्शे नहीं जाएंगे. मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई है.

सरकार गंभीरता से ले रही मामला

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि कानपुर देहात की पूरी घटना द्रवित करने वाली है. इस घटना को सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है. रात में ही आला अफसर मौके पर पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी होंगे सरकार उन पर कड़ी कार्रवाई करेगी.

कमजोर व्यक्ति पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि चाहे कितना वरिष्ठ अफसर या कोई और हो, जिन लोगों ने इस प्रकार की घटना को अंजाम देने का प्रयास किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार ने पहले ही निर्देश दिए हैं कि किसी भी झोपड़ी में रहने वाले निर्बल व्यक्ति के खिलाफ यदि कोई अधिकारी अत्याचार करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हम किसी भी दोषी अधिकारी को नहीं छोड़ेंगे.

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सपा हर घटना का करती है राजनीतिकरण

विपक्ष के इस मामले पर सियासत करने को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी हर घटना को राजनीतिक रूप से कैश कराने के लिए टूट पड़ती है. इस बार भी वही कर रही है. इसके विपरीत उत्तर प्रदेश सरकार हर स्थिति में पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने में जुटी हुई है. इस मामले में मैंने स्वयं संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. हम किसी भी स्थिति में दोषी को नहीं बख्शेंगे.

सपा प्रतिनिधिमंडल आज जाएगा कानपुर देहात

इस बीच समाजवादी पार्टी कानपुर देहात की घटना को लेकर सरकार पर दबाव बनाने में जुटी है. पार्टी इसे ब्राह्मणों के उत्पीड़न से जोड़ते हुए निंदा करने के बाद मुख्य सचेतक बजट मनोज पांडेय के नेतृत्व में आज प्रतिनिधिमंडल भेज रही है. समाजवादी पार्टी ने अन्य ब्राह्मण नेताओं को भी निर्देश दिया है कि जहां भी ब्राह्मणों के उत्पीड़न की घटना हो तत्काल इसकी सूचना प्रदेश कार्यालय को दें. ताकि संबंधित क्षेत्र में प्रतिनिधिमंडल भेज कर पूरे मामले की जांच कराई जा सके। प्रतिनिधिमंडल से मिले आंकड़ों को विधानसभा में भी पार्टी रखेगी.

क्या है मामला

मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्णगोपाल दीक्षित परिवार में पत्नी प्रमिला, बेटी नेहा, बेटे शिवम, अंश व बहू शालिनी के साथ रहते हैं. गांव के बाहर उन्होंने खाली भूमि पर पशुबाड़ा और झोपड़ी बनाई थी, वहीं पास में एक चबूतरे पर शिवलिंग भी स्थापित किया था. इस भूमि को सरकारी बताते हुए गांव के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद बीती 14 जनवरी को प्रशासन ने भूमि को ग्राम समाज का बताते हुए कब्जा हटाने का प्रयास किया था. कुछ कब्जा हटाते हुए बाकी अतिक्रमण स्वयं हटा लेने के लिए कृष्णगोपाल को समय दिया था.

इस पर कृष्णगोपाल परिवार के साथ मवेशी लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए थे. स्नातक निर्वाचन चुनाव के समय के चलते प्रशासन की ओर से उनके पूरे परिवार, साथ आए बजरंग दल जिला संयोजक गौरव शुक्ला, विहिप गोरक्षा प्रमुख आदित्य शुक्ला पर धारा 144 के उल्लंघन व बलवा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसके बाद 16 जनवरी को सरकारी भूमि पर कब्जा का भी मुकदमा परिवार के खिलाफ दर्ज हुआ था.

कब्जा हटाने में लगी आग में जिंदा जलीं मां-बेटी

इसके बाद सोमवार की शाम मैथा तहसील के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक कुमार चौहान, रूरा थाना प्रभारी दिनेश कुमार गौतम समेत पुलिस व राजस्व की टीम मड़ौली गांव पहुंची और सरकारी भूमि पर कब्जा हटवाना शुरू किया. इस बीच कृष्णगोपाल की पत्नी प्रमिला और बेटी नेहा झोपड़ी के अंदर चली गईं. बावजूद इसके प्रशासनिक अफसरों ने कब्जा हटाना जारी रखा और झोपड़ी में आग लग गई. आग लगते ही अंदर से मां-बेटी के चीखने की आवाज आनें लगीं. इस पर कृष्णगोपाल बचाने के लिए दौड़े. लेकिन, अचानक छप्पर गिर जाने से आग और विकराल हो गई. देखते ही देखते मां-बेटी की आग में जिंदा जलकर मौत हो गई.

इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने लेखपाल को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया. तनाव बढ़ता देखकर एसडीएम व एसओ समेत पुलिस बल गांव छोड़कर निकल गये. किसी तरह लेखपाल भी भीड़ के चंगुल से छूटकर भागा. इसके बाद भीड़ ने लेखपाल की टीयूवी कार के टायर फाड़कर पलटा दी.

दो घंटे तक गांव के अंदर नहीं घुस पाई पुलिस

लोगों के आक्रोश को देखते हुए दो घंटे तक पुलिस व प्रशासनिक अफसर गांव के अंदर घुसने की हिम्मत नहीं जुटा सके. इसके बाद पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति फोर्स लेकर गांव के अंदर पहुंचे और परिजनों व ग्रामीणों को शांत कराने का प्रयास किया. इसके बाद मंडलायुक्त, एडीजी, आईजी, जिलाधिकारी सहित अन्य अफसर पहुंचे और पीड़ित पक्ष से बात की. मामले में एसडीएम मैथा, लेखपाल, एसओ सहित करीब 24 लोगों पर हत्या व हत्या के प्रयास, आग लगाने सहित कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है.

रात भर पड़े रहे शव

देर शाम घटना के बाद झोपड़ी की राख दबे पड़े अधजले शव पूरी रात उठाने नहीं दिए गए. प्रशासन ने पोस्टमार्टम के लिए रात में ही डाक्टरों का पैनल बना दिया. लेकिन पुलिस शवों को कब्जे में नहीं ले सकी है. मंगलवार की सुबह भी गांव में अफसरों, नेताओं का आना जारी है. लेकिन, परिजन शवों को नहीं उठाने दे रहे हैं. उनकी मांग है कि पहले आरोपितों को गिरफ्तार किया जाए और मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री गांव आएं. सुबह भी मंडलायुक्त डाॅ. राजशेखर ने काफी देर तक शिकायतकर्ता बेटे शिवम से वार्ता की. लेकिन, पीड़ित पक्ष संतुष्ट नहीं हुआ.

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