सरकारी पाबंदी के बावजूद खुला स्कूल, शिक्षकों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते प्रकोप के बीच पढ़े लिखे लोगों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. राज्य सरकार ने 15 अप्रैल तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा आज यानी सोमवार से टोटल लॉकडाउन कर दिया गया है.

By Pritish Sahay | March 24, 2020 4:00 AM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते प्रकोप के बीच पढ़े लिखे लोगों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. राज्य सरकार ने 15 अप्रैल तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा आज यानी सोमवार से टोटल लॉकडाउन कर दिया गया है. बावजूद इसके दक्षिण 24 परगना के देगंगा में स्थानीय हादिपुर झिकरा एक नंबर ग्राम पंचायत क्षेत्र में एक प्राथमिक स्कूल को सोमवार को न केवल खोला गया, बल्कि यहां बड़ी संख्या में बच्चों को चावल देने के नाम पर बुला कर घंटों तक बैठा कर रखा गया है. यह वारदात झिकरा सिंहाटी अवैतनिक प्राथमिक विद्यालय की है. यहां आंगनबाड़ी केंद्र भी चलता है. आंगनबाड़ी केंद्र की संख्या है 173.

प्रधानाध्यापक से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि गलती की है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को थोड़ी देर में ही छोड़ दिया जायेगा. बावजूद इसके स्कूल में घंटों तक बच्चों को बैठा कर रखा गया. जैसे ही इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को लगी, बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर इस पर आपत्ति जताने लगे. सूचना थाने में भी पहुंची है. जिला शिक्षा और स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस मामले का संज्ञान लिया है और स्कूल खोलने वाले प्राथमिक शिक्षक समेत अन्य शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है. इनके खिलाफ महामारी कानून की अनदेखी की गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है.

उल्लेखनीय है कि तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए राज्य और केंद्र की सरकारों ने लॉकडाउन किया है. इसके तहत सभी शिक्षण संस्थानों को बंद किया गया है और किसी भी तरह से भीड़ भाड़ एकत्रित ना हो इसलिए दुकानों बाजारों कारखानों और गोदाम आदि को बंद कर दिया गया है. बावजूद इसके शिक्षकों द्वारा स्कूल को खोलना उनके सामाजिक दायित्व पर एक बड़ा सवाल है. सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि जो लोग भी महामारी कानून का पालन नहीं करते हैं उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई हो.

हाजीनगर आदर्श हिंदी विद्यालय में भी मिड डे मील का आलू और चावल लेने के लिए लगी भीड़

कोलकाता. कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने लोगों से भीड़ इकट्ठा नहीं करने की अपील की है, लेकिन सोमवार को उत्तर 24 परगना के हाजीनगर आदर्श हिंदी विद्यालय में अलग ही नजारा देखने को मिला, जहां राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए अभिभावक अपने बच्चों के साथ मिड डे मील के तहत मिलने वाले आलू और चावल के लिए स्कूल पहुंचे. देखते ही देखते यह संख्या सैकड़ों में पहुंच गयी. केंद्र व राज्य सरकार सोशल डिस्टेंस को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन सरकार के निर्देशों का लोगों पर कोई खास असर होता नहीं दिख रहा.

सोमवार को सुबह से ही स्कूल में अभिभावक वाह बच्चों की भीड़ एकत्रित हो गयी. इस संबंध में पूछे जाने पर स्कूल के शिक्षक का कहना है कि राज्य सरकार के आदेश पर ही यह कार्य किया जा रहा है. राज्य सरकार ने बच्चों को मिड डे मील के तहत मिलने वाले भोजन क चावल व आलू पटने का निर्देश दिया है. उनके ही निर्देश पर ऐसा किया जा रहा है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के असर को देखते हुए पूरे राज्य में लॉक डाउन करने की घोषणा की है. लोगों को घर से नहीं निकलने सलाह दी गयी है. किसी भी स्थान पर एक साथ सात से अधिक लोगों के रहने की अनुमति नहीं है.

Next Article

Exit mobile version