आगरा. राधा स्वामी सत्संग सभा ने हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले को चुनौती देते हुए पोइया घाट स्थित मौजा खासपुर में खसरा संख्या 33 में रातों-रात फिर से सड़क बना कर अतिक्रमण कर लिया. जबकि सार्वजनिक रास्तों व सरकारी भूमि पर कब्जे का मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है. हाईकोर्ट ने 10 अक्टूबर तक यथा स्थिति के निर्देश दिए हैं.
जब शनिवार दोपहर को राजस्व विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची तब अवैध कब्जे की जानकारी हुई. टीम ने इसकी रिपोर्ट आगरा के जिलाधिकारी को भेज दी है. वहीं बताया जा रहा है कि शनिवार देर रात को फिर से राधा स्वामी सत्संग सभा द्वारा सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया गया.
बता दें राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिस जगह पर सत्संग सभा ने 100 मीटर लंबी सड़क बनाई है. वह चारागाह भूमि है. सड़क उत्तर से दक्षिण दिशा की तरफ नदी की ओर बनाई गई है. नदी किनारे से 200 मीटर तक डूब क्षेत्र स्थित है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इसे नो डेवलपमेंट जोन घोषित कर रखा है. जिसके अनुसार यहां पर किसी भी तरह का निर्माण नहीं हो सकता.
विगत 2 अगस्त 2023 को सत्संग सभा ने डूब क्षेत्र में इंटरलॉकिंग टाइल्स से सड़क का निर्माण किया था. करीब 20 बीघा से अधिक भूमि पर कांटेदार तारबंदी कर दी. इससे खासपुर व अन्य गांव के लोगों की आवाजाही बंद हो गई. वहीं पोइया घाट स्थित डूब क्षेत्र में भी अवैध निर्माण किया गया. तत्कालीन जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल के आदेश पर सिटी मजिस्ट्रेट ने निर्माण को रुकवाया था. लेकिन सत्संगियों ने निर्माण नहीं रोका. तीन और 5 अगस्त को सिंचाई विभाग ने सत्संग सभा को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा था.
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सत्संग सभा ने इसके विरोध में एनजीटी व हाई कोर्ट दोनों जगह याचिकाएं दाखिल की. एनजीटी व हाई कोर्ट ने 15 सितंबर तक जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग को सत्संग सभा पक्ष की सुनवाई के बाद निर्णय के आदेश दिए थे. 14 सितंबर को सिंचाई विभाग ने अवैध निर्माण के विरुद्ध कार्रवाई के लिए एडीए उपाध्यक्ष को पत्र भेजा था.
शनिवार को सोशल मीडिया पर इससे संबंधित एक वीडियो भी वायरल हुआ. जिसे किसी ग्रामीण द्वारा बनाया गया बताया जा रहा है. जिसमें सत्संग सभा द्वारा बनाई गई नई सड़क दिखाई जा रही है. और वीडियो के अनुसार बताया जा रहा है कि सड़क को छुपाने के लिए उसके ऊपर काली पॉलीथिन डाल दी गई है. दिन में लोगों को निर्माण न दिखाई दे इसके लिए पॉलिथीन डाल दी गई और रात को फिर से यहां पर निर्माण शुरू हो गया. हालांकि इस मामले पर आगरा के जिलाधिकारी का कहना है कि राजस्व विभाग टीम से जांच कराई है. यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है. डूब क्षेत्र में निर्माण के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.