देव दीपावली नाम से ही पता चलता है कि यह देवताओं की दिवाली है. यह कार्तिक पूर्णिमा के लिए मनाया जाने वाला त्योहार है जो मुख्य रूप से वाराणसी में मनाया जाता है. यह रोशनी के त्योहार दीपावली के पंद्रह दिनों के बाद आता है.
देव दीपावली का महत्व
देव दीपावली को त्रिपुरोत्सव या त्रिपुरारी पूर्णिमा स्नान के रूप में भी जाना जाता है. यह त्योहार असुर त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की जीत की खुशी में मनाया जाता है.
पृथ्वी पर गंगा स्नान करने आते हैं देवता
ऐसी मान्यता है कि देव दीपावली के दिन देवतागण वाराणसी में गंगा घाटों पर पवित्र गंगा नदी में स्नान करने के लिए पृथ्वी पर अवतरित होते हैं. इसलिए इस दिन गंगा नदी में मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं. दीप जलाने की इस परंपरा की शुरुआत 1985 में पंचगंगा घाट से हुई थी.
गंगा के तट पर जलाए जाते हैं लाखों दीपक
इस दिन के उल्लास में लोग प्रत्येक साल देव दीपावली के दिन पवित्र गंगा नदी के तट पर सभी घाटों की सीढ़ियों पर लाखों मिट्टी के दीपक जलाते हैं. इस दिन पवित्र गंगा आरती 21 ब्राह्मण पुजारियों और 24 महिलाओं द्वारा की जाती है. इस समय हजारों की संख्या में भक्त और पर्यटक यहां मौजूद होते हैं. इस दिन घाटों की रोशनी और तैरते हुए दीये आकर्षक होते हैं. इस दिन यहां को दृश्य मनमोहक होता है.
देव दीपावली 2021 रोचक फैक्ट्स
: 5 दिवसीय उत्सव देवोत्थान एकादशी से शुरू होता है और कार्तिक पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.
: कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोग कार्तिक स्नान करते हैं, खासतौर पर भक्त पवित्र गंगा नदी में स्नान करने देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं.
: इस दिन शाम को तेल से दीप जलाकर गंगा नदी में प्रवाहित किया जाता है.
: शाम को दशमेश्वर घाट पर भव्य गंगा आरती की होती है. इस वक्त हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं.
: गंगा आरती के दौरान भजन-कीर्तन, लयबद्ध ढोल-नगाड़ा, शंख बजाये जाते हैं.
देव दीपावली 2021: तिथि और समय
देव दीपावली गुरुवार 18 नवंबर 2021
प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त – 17:09 से 19:47
अवधि – 02 घंटे 38 मिनट
पूर्णिमा तिथि शुरू – 12:00 नवंबर 18, 2021
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 14:26 नवंबर 19, 2021