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Dev Deepawali 2021: इस दिन है देव दीपावली, यहां जानिए मुहूर्त, धार्मिक महत्व और पूजन विधि

Dev Deepawali 2021 Purnima Tithi: देव दीपावली का त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक पूर्णमा 18 नवंबर को 12.00 बजे से लग रही है जो कि 19 नवंबर को 2 बजकर 27 मिनट तक रहेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2021 3:13 PM

Dev Deepawali 2021: इस दिन है देव दीपावली, यहां जानिए मुहूर्त, धार्मिक महत्व और पूजन विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली मनाई जाती है. इस बार देव दिवाली 18 नवंबर 2021 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी. इस दिन देवताओं ने दीपावली मनाई और असुर भाइयों पर भगवान शिव की विजय का जश्न मनाया, जिन्हें सामूहिक रूप से त्रिपुरासुर के रूप में जाना जाता है. इसके अलावा मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार भी लिया था. इसी दिन सिख गुरु नानक देव जी का जन्म भी हुआ था. इस दिन को नानक पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं.

देव दीपावली की तिथि और मुहूर्त

देव दीपावली का त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक पूर्णमा 18 नवंबर को 12.00 बजे से लग रही है जो कि 19 नवंबर को 2 बजकर 27 मिनट तक रहेगी. देव दीपावली का त्योहार 18 नवंबर, दिन गुरूवार को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान शिव, विष्णु, मां लक्ष्मी और गुरू नानक देव का पूजन किया जाता है.

क्या कहा गया है शास्त्रों में

शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन देवताओं का पृथ्वी पर आगमन होता है और उनके स्वागत में धरती पर दीप जलाये जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार संध्या के समय शिव-मन्दिर में भी दीप जलाये जाते हैं. शिव मन्दिर के अलावा अन्य मंदिरों में, चौराहे पर और पीपल के पेड़ व तुलसी के पौधे के नीचे भी दीये जलाए जाते हैं.

Kartik Purnima 2021: क्यों हैं देव दीपावली खास

इस दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर राक्षस का अंत किया था. इसी खुशी में देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थी. तब से ये परंपरा आज भी देव दीपावली के रूप में मनाई जाती है.

Kartik Purnima 2021: मंत्रों का जाप करें

ॐ नम: शिवाय’, ॐ हौं जूं सः, ॐ भूर्भुवः स्वः, ॐ त्र्यम्बेकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धूनान् मृत्योवर्मुक्षीय मामृतात्, ॐ स्वः भुवः भूः, ॐ सः जूं हौं ॐ.

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