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प्रयागराज: देव दीपावली पर 4 लाख दीपों से जगमग होगी संगम नगरी, शहर के चौराहे भी होंगे गुलजार

देव दीपावली पर संगमनगरी में चार लाख से अधिक दीप जलाए जाएंगे. इसके लिए संगम क्षेत्र को 15 सेक्टरों में विभाजित किया गया है. डीएम नवनीत सिंह चहल ने सेक्टरवाइज अफसरों की जिम्मेदारी तय करने के साथ ही विभागवार दीपमालाएं सजाने के लक्ष्य निर्धारित किया है.

देव दीपावली पर प्रयागराज जिला प्रशासन ने त्रिवेणी संगम के तट को दीपों की शृंखलाओं से सजाने के लिए काफी तैयारी की है. सोमवार की शाम यहां पर चार लाख से अधिक दीप जलाए जाएंगे. इस बार तरह-तरह के भावों, परिकल्पनाओं को दीपमालाओं में साकार किया जाएगा. संगम से लेकर घरों की छतों, द्वारों पर तो दीप जलेंगे ही, इसके अलावा शहर के चौराहे भी जगमग होंगे. देव दीपावली को लेकर को लेकर लोगों में काफी उत्साह है. इस दीपोत्सव को यादगार बनाने के लिए लोग घर-घर से निकलेंगे. गांव और शहर में पटाखे की शोर से पूरा इलाका भक्तिमय हो जाएगा. इसके लिए संगम क्षेत्र को 15 सेक्टरों में विभाजित किया गया है. डीएम नवनीत सिंह चहल ने सेक्टरवाइज अफसरों की जिम्मेदारी तय करने के साथ ही विभागवार दीपमालाएं सजाने के लक्ष्य निर्धारित किया है. दीपों से वीआईपी किला घाट से लेकर संगम नोज तक को तरह-तरह के भावों में प्रज्जवलित किया जाएगा. गंगा, यमुना और विलुप्त सरस्वती की त्रिवेणी की सुरम्य लहरों पर शाम 5.00 बजे से दीपों की लड़ियां इतराएंगी.

शहर भी दीपों से जगमगाएंगे

दीपोत्सव की इस अनुपम छटा का हर किसी को बेसब्री से इंतजार है. कहीं सेंड आर्ट के रूप में रेती पर थीम आधारित कृतियां उकेरी जाएंगी, तो कहीं गंगा-यमुना की संगीतमय आरती से इस मौके को खास बनाया जाएगा. इस दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अलावा जिला प्रशासन के अधिकारियों ने व्यापक तैयारियां की हैं. यमुना के बलुआघाट पर बारादरी पर दीपोत्सव की छटा निहारने लायक होगी. इसके अलावा, गऊघाट, ककरहा घाट, गंगा के रामघाट, दारागंज घाट, महावीर मार्ग, अक्षयवट मार्ग, वीआईपी किला घाट समेत संगम की समत रेती पर भी दीप जलाए जाएंगे. इस दीपोत्सव में प्रशासन की ओर से विभागवार दीप जलाने की जिम्मेदारी तय की गई है. व्यापारियों, सामाजिक , शैक्षणिक संगठनों का भी आह्वान किया गया है. घाटों की जिम्मेदारी संभालने वाली संस्थाएं और सरकारी विभागों के अधिकारी, कर्मचारी सुबह नौ बजे से तैयारियों में जुटे हुए हैं. शाम तीन बजे तक दीपोत्सव के लिए लोग अपनी-अपनी जगह पक्की कर लेंगे. जय त्रिवेणी जयप्रयाग आरती समिति की ओर से रंगोली प्रतियोगिता के बाद 11 हजार दीप जलाए जाएंगे. कहीं स्वास्तिक तो कहीं भारत माता की जय और वंदे मातरम के रूप में दीये जलाए जाएंगे. शहीदों के शौर्य, पराक्रम के भाव भी दीपों में सजाए जाएंगे. दीपोत्सव के लिए तेल-बाती के इंतजाम कर लिए गए हैं.

काशी की तर्ज पर सजेगी दीपों की शृंखला

बता दें कि काशी की तर्ज पर इस बार प्रयागराज में देव दीपावली मनाई जा रही है. इसके लिए इस बार दीपोत्सव के समय संगीतमय भव्य गंगा आरती भी मेला प्रशासन की ओर से कराया जा रहा है. देव दीपावली पर गंगा पूजन और दीपोत्सव के समय त्रिवेणी की आरती के लिए भव्य मंचन बनाया गया है. इस दौरान संगीतमय प्रस्तुतियां भी होंगी. हरिहर गंगा आरती समिति की ओर से रामघाट पर दीपोत्सव की विहंगम छटा प्रस्तुत करने की तैयारी की गई है. सोमवार को रामघाट पर समिति की ओर से 51 हजार दीये जलाए जाएंगे. इसी तरह मातृ स्नेह फाउंडेशन की ओर से अक्षयवट घाट पर 11 हजार दीपों की लड़ियां सजाई जाएंगी. कार्तिक महोत्सव आयोजन समिति की ओर से बलुआघाट की बारादरी पर 51 हजार दीये जलाए जाएंगे. जबकि, परिवर्तन मानव विकास संस्थान की ओर से ककरहा घाट पर 51 हजार दीपों की मालाएं सजाई जाएंगी.

इसी तरह विश्व पुरोहित परिषद की ओर से अरैल घाट पर 21 हजार दीप जलाए जाएंगे. वहीं धार्मिक संस्थाओं की ओर से भी देव दीपावली पर दीपदान किया जाएगा. बड़े हनुमान मंदिर परिसर में बाघंबरी गद्दी मठ की ओर से दीपों की लड़ियां सजाई जाएंगी. उधर, गऊघाट स्थित ओम नम: शिवाय आध्यात्मिक संस्था की ओर से यमुना तट पर 31 हजार दीप जलाए जाएंगे. नागवासुकि मंदिर परिसर में प्रयागराज सेवा समिति की ओर से 11 हजार दीप जलाए जाएंगे. इस दौरान नागवासुकि भगवान और असि माधव की आरती उतारी जाएगी. यह जानकारी मीडिया प्रभारी तीर्थराज पांडेय ने दी.

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