देवोत्थान एकादशी की पूजा विधि
: देवोत्थान एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करें. साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें. भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें.
: आंगन में भगवान विष्णु के चरणों की आकृति बनाएं. धूप में चरणों को ढक दें.
: एक ओखली में गेरू से चित्र बनाकर फल, मिठाई, ऋतुफल और गन्ना रखकर डलिया से ढक दें.
: इस दिन रात्रि में घरों के बाहर और पूजा स्थल पर दीये जलाएं.
: शाम की पूजा में सुभाषित स्त्रोत पाठ, भगवत कथा और पुराणादि का श्रवण व भजन आदि गाये जाते हैं.
: रात में भगवान विष्णु और अन्य देवी-देवताओं की पूजा करें.
: इसके बाद भगवान को शंख, घंटा-घड़ियाल आदि बजाकर उठाया जाता है.
देवोत्थान एकादशी दिन ये गलतियां न करें
: इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अनिवार्य होता हैण्
: देवउत्थान एकादशी के दिन रात में फर्श पर नहीं सोना चाहिए.
: एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक होता है. इसी के साथ क्रोध नहीं करना चाहिए और घर में किसी प्रकार से झगड़ा नहीं करना चाहिए.
: देवउत्थान एकादशी में भोजन वर्जित होता है. यदि आप रोगी हैं या किसी अन्य कारण से निर्जला एकादशी व्रत न कर सकें तो आप केवल एक ही समय भोजन करें। शाम को ही एक समय का भोजन करना ही उचित होगा.
: एकादशी तिथि को भूलकर भी मांस मदिरा या फिर किसी भी तरह से तामसिक गुणों वाली चीजों जैसे प्याज लहसुन आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
: देवउत्थान एकादशी के दिन कभी भी दांत दातुन से न करें क्योंकि इस दिन किसी पेड़ की टहनी को तोड़ना भगवान विष्णु को नाराज कर देता है.
देवोत्थान एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार चातुर्मास का आरंभ इस वर्ष 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन हुआ था. जिसका समापन 14 नवंबर को देवउठानी एकादशी के दिन होगा। एकादशी तिथि 14 नवंबर को सुबह 05:48 बजे से शुरू हो कर 15 नवंबर को सुबह 06:39 बजे समाप्त होगी. एकादशी तिथि का सूर्योदय 14 नवंबर को होने के कारण देवात्थान एकादशी का व्रत और पूजन इसी दिन होगा.
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देवउत्थान एकादशी समय
देवउत्थान एकादशी रविवार, नवम्बर 14, 2021 को
एकादशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 14, 2021 को 05:48 am बजे
एकादशी तिथि समाप्त – नवम्बर 15, 2021 को 06:39 am बजे
पारणतिथिकेदिनहरिवासरसमाप्तहोनेकासमय – 01:00 pm बजे