Deva Snana Purnima 2022: देव स्नान पूर्णिमा पर स्नान करते बीमार पड़े भगवान जगन्नाथ, 29 जून को देंगे दर्शन
Deva snana Purnima 2022: देव स्नान पूर्णिमा पर स्नान के साथ ही प्रभु बीमार हो गए हैं और अज्ञातवास में चले गए हैं. 15 दिनों तक अज्ञातवास में रहने के बाद भक्तों को नव यौवन रूप में दर्शन देंगे. 15 दिनों तक अज्ञातवास में भगवान अपने भक्तों को दर्शन नहीं देंगे.
Deva snana Purnima 2022: झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के स्थानीय जगन्नाथ मंदिर में देव स्नान पूर्णिमा पर विशेष पूजा-अर्चना की गयी और भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा को स्नान कराया गया. इससे पूर्व वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना की गयी और स्नान कराया गया. माना जाता है कि देव स्नान पूर्णिमा से भगवान बीमार पड़ जाते हैं और अज्ञातवास में चले जाते हैं. 15 दिनों तक अज्ञातवास में रहने के बाद भगवान 29 जून को भक्तों को नव यौवन रूप में दर्शन देंगे.
अज्ञातवास में भगवान जगन्नाथ
देव स्नान पूर्णिमा पर स्नान के साथ ही प्रभु बीमार हो गए हैं और अज्ञातवास में चले गए हैं. 15 दिनों तक अज्ञातवास में रहने के बाद भक्तों को नव यौवन रूप में दर्शन देंगे. 15 दिनों तक अज्ञातवास में भगवान अपने भक्तों को दर्शन नहीं देंगे. बीमार प्रभु को विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटी खिलायी जायेगी. अज्ञातवास के दौरान भगवान भक्तों को दर्शन नहीं देंगे. देव स्नान पूर्णिमा पर शाम को भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. स्थानीय कलाकार भगवान जगन्नाथ पर आधारित भजन प्रस्तुत करेंगे. शाम में भक्तों के बीच प्रसाद का भी वितरण किया जाएगा.
नेत्र उत्सव पर दो दिनों तक कार्यक्रम
जगनन्नाथ मंदिर में इस वर्ष नेत्र उत्सव पर दो दिनों तक कार्यक्रम का आयोजन होगा. 29 जून को नेत्र उत्सव एवं 30 जून को उभा उत्सव नेत्र का आयोजन किया जाएगा. नेत्र उत्सव 29 जून को भगवान की विशेष पूजा अर्चना, स्थानीय कलाकारों के द्वारा भजन संध्या का अयोजन एवं प्रसाद वितरण तथा 30 जून को उभा उत्सव पर मंदिर परिसर में ओडिशा के सुप्रसिद्ध जगन्नाथ दास द्वारा भजन संध्या का आयोजन कियाा जाएगा. जगन्नाथ मंदिर के बाहर में मेला लगाया जाएगा.
एक जुलाई को रथ पर आरूढ़ हो कर भक्तों को देंगे दर्शन
एक जुलाई को रथ यात्रा का शुभारंभ होगा. इस बार भगवान का रथ नए पोशाक में सजाया हुआ दिखेगा. वहीं तीनों विग्रह को ढोकर लाने वाले एवं रथ को खींचने वाले जगन्नाथ भक्तों को नए परिधान में दिखने को मिलेगा. रथ यात्रा के समय रथ के आगे-आगे पारंपरिक छत्र भी रहेगा. भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ रथ के सिंहासन पर आरूढ़ होकर भक्तों को दर्शन देंगे.
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रिपोर्ट : प्रताप मिश्रा, सरायकेला