गंगा दशहरा पर साहिबगंज में भक्तों ने लगायी डुबकी, ये है गंगा स्नान का महत्व
साहिबगंज : गंगा दशहरा पर साहिबगंज में भक्तों ने सोमवार (1 जून, 2020) को पतित पावनी गंगा में डुबकी लगायी. साहिबगंज झरखंड प्रदेश का एकमात्र जिला है, जहां से होकर पतित पावनी गंगा की निर्मल धारा अविरल बहती है. जेष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को हर साल गंगा दशहरा मनाया जाता है.
साहिबगंज : गंगा दशहरा पर साहिबगंज में भक्तों ने सोमवार (1 जून, 2020) को पतित पावनी गंगा में डुबकी लगायी. साहिबगंज झरखंड प्रदेश का एकमात्र जिला है, जहां से होकर पतित पावनी गंगा की निर्मल धारा अविरल बहती है. जेष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को हर साल गंगा दशहरा मनाया जाता है.
गंगा दशहरा के दिन जिले व आसपास के लोग गंगा में डुबकी लगाकर मां गंगा की पूजा-आराधना कर रहे हैं. कहते हैं कि गंगा दशहरा के दिन गंगा में डुबकी लगाने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है. गंगा स्नान करते समय लोग ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः मंत्र का जप कर रहे थे.
ऐसा लग रहा था कि लॉकडाउन की वजह से इस वर्ष भक्त गंगा के तट तक नहीं पहुंच पायेंगे, लेकिन काफी संख्या में लोग गंगा स्नान के लिए पहुंचे. हालांकि, हर साल की तुलना में इस बार गंगा स्नान करने आने वाले लोगों की संख्या काफी कम थी.
पंडितों ने सलाह दी थी कि लॉकडाउन के दौरान लोग घर में ही गंगा स्नान और मां गंगा की पूजा कर सकते हैं. इसके लिए नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें. स्नान के बाद सूर्य भगवान को अर्घ दे. फिर ॐ श्री गंगे नमः मंत्र का उच्चारण करते हुए मां गंगे का ध्यान करके अर्घ दे. गंगा की पूजा के बाद गरीबों व जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा भी दें.
भाई की सलामती के लिए गंगा पूजन
गंगा दशहरा के दिन सुहागन बहनें अपने भाइयों की सलामती के लिए मां गंगा की पूजा करती हैं. भाइयों की ओर से दिये गये वस्त्र पहनकर व भाइयों द्वारा दी गयी पूजन सामग्री से ही सुहागन बहनें मां गंगा की इस दिन पूजा करती हैं.
मल्लाह समाज के लोग करते हैं विशेष पूजा
मल्लाह समुदाय के लोग गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की विशेष पूजा करते हैं. इस समाज के लोग 365 दिन गंगा के गोद में ही रहते हैं. इसलिए गंगा दशहरा पर सभी लोग अपने नाव की पूजा करते हैं. विशेष पूजा के बाद विशेष भोग लगाया जाता है. वहीं, गंगा में चलने वाले कार्गो जहाज, बोट, स्टीमर, जहाज की भी इस दिन विशेष पूजा होती है.
गंगा की भव्य महाआरती
गंगा दशहरा के दिन जिले के विभिन्न गंगा घाटों पर शाम के समय मां गंगा की विशेष महाआरती होती है. महाआरती का आयोजन विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं नाव यातायात समिति की ओर से किया जाता है.
पंडित जगदीश शर्मा कहते हैं कि गंगा दशहरा के दिन ही मां गंगा धरती पर आयीं थीं. गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. गंगा स्नान करके आम, चीनी और जल से भरा घड़ा का दान करने से घर में ऋद्धि-सिद्धि, सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है.
Posted By : Mithilesh Jha