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सरायकेला-खरसावां में ढोल नगाड़े की थाप पर जलते अंगारों पर चले श्रद्धालु, मां मनसा की आराधना में जुटे भक्त

सरायकेला-खरसावां के विभिन्न इलाकों में मां मनसा के भक्तों ने दहकते अंगारों में नंगे पांव चलकर आस्था की मिसाल पेश की. इस दौरान मनसा देवी से मांगी गयी मन्नत पूरी होने की खुशी में ढोल व नगाडे की थाप पर दहकते अंगरों में खुले पांव श्रद्धालु चले.

Jharkhand News: सरायकेला-खरसावां जिला के खरसावां प्रखंड के लोसोदिकी गांव में मां मनसा के भक्तों ने निया माडा ((दहकते अंगारों में नंगे पांव चलना) धार्मिक अनुष्ठान में हठ भक्ति व आस्था की मिशाल पेश की. बड़ी संख्या में व्रतियों ने दहकते आंगारों पर खुले पांव चल कर अपने आराध्य के प्रति भक्ति पेश की. भक्तों ने उपवास व व्रत रख कर पहले मां मनसा की पूजा की. इसके पश्चात पश्चात मनसा देवी से मांगी गयी मन्नत पूरी होने की खुशी में दहकते अंगारों में खुले पांव चले. ढोल व नगाड़े की थाप पर आग के जलते शोलों में चलने वालों में बडी संख्या में महिला व बुजुर्ग भी शामिल थे. कई महिलाओं ने अपने गोदी में बच्चों को लेकर आग पर चले. अपनी मन्नत पूरी होने की खुशी में कई भक्त ने तो ढ़ोल-नगाड़ों की थाप पर जलते आग के शोलों पर नृत्य किया. हर साल की तरह इस साल भी भक्तों ने अपने शरीर को कष्ट दे कर अपने आराध्य देवी मां मनसा से किया हुआ वायदा पूरा किया. भक्ति की इस दृश्य को देखने के लिये हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी पहुंचे थे.

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सरायकेला-खरसावां में ढोल नगाड़े की थाप पर जलते अंगारों पर चले श्रद्धालु, मां मनसा की आराधना में जुटे भक्त 2

वर्षों पुरानी से हठ भक्ति की यह परंपरा

लोसोदिकी गांव में मनसा पूजा पर दहकते अंगारों पर चलने की यह परंपरा वर्षो पुरानी है. अंतिम चरण के मनसा पूजा के दौरान हठ भक्त नियामाड़ा नामक इस धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन करते है. भोक्ताओं की मानें तो मन व आत्मा की शांति के लिये शरीर को बेहद कष्ट देने में हठी भक्तों को सुकून मिलता है. वर्षो से इस गांव चली आ रही यह परंपरा अब भी पूरे उत्साह के साथ हर वर्ष पूरा किया जा रहा है. भक्ति की इस परंपरा का वर्षो से पालन करने वाले हठी भक्तों का मानना है कि पूरी प्रक्रिया ही मां मनसा को समर्पित है.

विधायक दशरथ गागराई ने की पूजा अर्चना

लोसोदिकी गांव में खरसावां विधायक दशरथ गागराई पूरे परिवार के साथ पहुंच कर पूजा अर्चना की. विधायक गागराई ने अपनी पत्नी बासंती गागराई, पूत्र राहुल गागराई समेत परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मां मनसा के पीठ पर माथा टेका तथा आशीर्वाद लिया. उन्होंने पूरे क्षेत्र के खुशहाली की कामना की.

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सरायकेला के उकरी गांव में नीया माडा अनुष्ठान का हुआ आयोजन

वहीं, सरायकेला प्रखंड अंतर्गत ऊपर दुगनी पंचायत के ऊकरी में बुधवार को निया माडा का आयोजन किया गया और माता ठाकुरानी की पूजा अर्चना किया. लगभग 30 महिलाओं ने पीला वस्त्र धारण कर स्थानीय सोना नदी से कलश लेकर पूजा स्थल पहुंची और कलश स्थापना करते हुए पूजा अर्चना किया. भक्तों ने दहकते अंगारे पर नंगे पांव चलते हुए अपने आराध्य के प्रति हठ भक्ति दिखाई.दहकते शोलो में नंगे पांव चलनेके बावजूद पैरों में छाले तक नही पड़े.  ऊकरी गांव में विजयदशमी के दूसरे दिन नीयामाड़ा अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है,जिसमें महिलाएं दहकते अंगारे पर चलती है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती है और और दोपहर में गाजा बाजा के साथ 500 मीटर पैदल चलकर सोना नदी जाती है नदी में मां ठकुरानी की विधिवत पूजा की जाती है और घट लेकर पूजा स्थल तक महिलाएं पहुंचती हैं जहां पहले से ही लंबे गड्ढे में लकड़ी के अंगारे तैयार रहता है जंहा व्रती नंगे पांव चलती है.

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