पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के नामांकन की शुरुआत होने के साथ ही हिंसा की घटनाएं होनी शुरु हो गई थी. लेकिन पंचायत चुनाव के दौरान हो रहीं हिंसा के मामलों पर डीजीपी का बयान काफी अलग रहा. राज्य पुलिस डीजीपी मनोज मालवीय का कहना है कि पंचायत चुनाव से लेकर अब तक बंगाल में कहीं भी कोई बड़ी घटना की खबर सामने नहीं आई है. अब तक हुई घटनाओं को छोटी घटना बताते हुए कहा कि राज्य में पहले की तुलना में हिंसा की घटनाएं कम हुई हैं. राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान कोई बड़ी हिंसा की घटना नहीं हुई है.
बंगाल डीजीपी मनोज मालवीय ने झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह, बिहार पुलिस के डीजीपी आरएस भट्टी के साथ समन्वय बैठक की. बैठक में केवल पंचायत चुनाव ही नहीं, अंतरराज्यीय अपराधों पर भी चर्चा हुई. चर्चा में साइबर क्राइम भी शामिल था. बैठक के बाद डीजीपी मनोज मालवीय ने कहा कि मीडिया छोटी-छोटी घटनाओं को बड़ी करके दिखा रही है. राज्य में बिना चुनाव के भी कुछ घटनाएं हो जाती हैं तो उन पर किसी की नजर नहीं जाती है. चुनाव के बाद वह मीडिया को बताएंगे कि हिंसा के आंकड़े बढ़े हैं या घटे हैं.
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पश्चिम बंगाल में आए दिन हिंसा की खबरें सामने आ रही है और ऐसे में डीजीपी के बयान के बाद से भाजपा समर्थक काफी गुस्से में नजर आ रहें है. भाजपा नेता सजल घोष का कहना है कि हिंसा को दबाने के लिए राज्य पुलिस कितनी सक्रिय है यह बंगाल की जनता से छिपा नहीं है. हिंसा में कई लोगों की जान गई है. ऐसे में उन परिवारों के साथ क्या हुआ, वह कैसे कह सकते हैं कि यह एक छोटी घटना थी? लोग पुलिस के बारे में क्या सोचेंगे ? बम गिरा और पुलिस कहती है कि बम कहां गिर रहा है? बंगाल में ऐसी ही सुरक्षा व्यवस्था होगी जब तक तृणमूल का राज्य रहेगा.
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